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Aaj Ka Panchang: आज फाल्गुन कृष्ण पंचमी तिथि को जानिए 17 फरवरी 2025 के पंचांग का शुभ योग और राहु काल

Aaj Ka Panchang 17 february 2025: आज 17 फरवरी को फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है। आइए जानते हैं, 17 फरवरी का पंचांग क्या है, कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने वाला है, किस दिशा में यात्रा करना अशुभ है और आज का राहु काल कब से कब तक है?
11:07 PM Feb 16, 2025 IST | Shyam Nandan
aaj ka panchang  आज फाल्गुन कृष्ण पंचमी तिथि को जानिए 17 फरवरी 2025 के पंचांग का शुभ योग और राहु काल

Aaj Ka Panchang 17 february 2025: आज 17 फरवरी, 2025 को फाल्गुन माह का पांचवां दिन है यानी आज इस माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 11 घंटे 15 मिनट 03 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 12 घंटे 44 मिनट 03 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह शिशिर ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण होकर गोचर कर रहे हैं।

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आइए जानते हैं, 17 फरवरी के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का राहु काल का समय क्या है?

आज का पंचांग

तिथि: आज फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है, जो 18 फरवरी, 2025 की तारीख शुरू होने के बाद 04:53 AM तक कायम रहेगी। इसके बाद फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि शुरु हो जाएगी। पंचमी तिथि भगवान गणेश को समर्पित है और रिक्ता तिथि वर्ग की इस तिथि का स्वभाव खलप्रद माना गया है, इसलिए यह तिथि अशुभ मानी जाती है।

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नक्षत्र: आज पूरे दिन और रात चित्र नक्षत्र व्याप्त रहेगी चित्रा नक्षत्र शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत है, इसलिए यह सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए उत्तम माने गए हैं।

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दिन/वार: आज सोमवार का दिन भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में इस दिन शिवजी की पूजा, व्रत और अभिषेक का विशेष महत्व होता है। साथ ही, सोमवार नवग्रहों में चंद्रदेव को समर्पित है।

योग: आज शाम के 08:55 AM तक शूल योग व्याप्त रहेगा। इसके बाद पूरे दिन गंड योग का असर कायम रहेगा। ये दोनों योग अशुभ माने गए हैं।

करण: आज के दिन 03:33 PM तक कौलव करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद तैतिल करण की शुरुआत होगी, जो 18 फरवरी की 04:53 AM तक व्याप्त रहेगी और फिर गर करण आरंभ हो जाएगा।

सूर्य-चंद्र गोचर

आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 5 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:

सूर्य गोचर: सूर्य कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जो शनि ग्रह के स्वामित्व वाली राशि है।

चन्द्र गोचर: आज चंद्रमा सिंह कन्या में गोचर कर रहे हैं, जिसमे वे आज 06:02 PM तक रहेंगे। इसके बाद वे तुला राशि में प्रवेश कर जाएंगे।

शुभ-अशुभ काल

आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने योग हैं:

ब्रह्म मुहूर्त: 05:16 AM से 06:07 AM

प्रातः सन्ध्या: 05:41 AM से 06:58 AM

अभिजित मुहूर्त: 12:13 PM से 12:58 PM

विजय मुहूर्त: 02:28 PM से 03:13 PM

गोधूलि मुहूर्त: 06:10 PM से 06:36 PM

सायाह्न सन्ध्या: 06:13 PM से 07:29 PM

अमृत काल: 12:22 AM, फरवरी 18 से 02:10 AM, फरवरी 18

निशिता मुहूर्त: 12:09 AM, फरवरी 18 से 01:00 AM, फरवरी 18

आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने योग हैं:

राहुकाल: आज राहु काल 08:22 AM से 09:46 AM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।

यमगण्ड: 11:11 AM से 12:35 PM

गुलिक काल: 02:00 PM से 03:24 PM

दुर्मुहूर्त काल: 12:58 PM से 01:43 PM और 03:13 PM से 03:58 PM

विष घटी/वर्ज्य काल: 01:32 PM से 03:21 PM

17 फरवरी 2025 के पर्व और त्योहार

आज फाल्गुन माह की पंचमी तिथि है और दिन सोमवार है। सोमवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है, क्योंकि यह शिवजी की कृपा प्राप्त करने और आध्यात्मिक उन्नति के लिए उत्तम माना जाता है। सोमवार के दिन भक्तगण भगवान शिव की पूजा, रुद्राभिषेक, व्रत और भजन-कीर्तन के माध्यम से उनकी कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।

सोमवार का संबंध नवग्रहों में चंद्रदेव से भी होता है, जो मन और भावनाओं के कारक माने जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन शिवजी की आराधना करने से मन की शांति, सौभाग्य और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। शिवपुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों में भी सोमवार व्रत के महत्व का उल्लेख किया गया है, जिससे व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता और शांति बनी रहती है।

आज की यात्रा टिप्स: आज पूर्व दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।

पंचांग का महत्व

पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं, बल्कि जीवन को सफल और समृद्ध बनाने का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुरूप चलने की शिक्षा देता है, जिससे हम सही समय पर सही निर्णय ले सकें।

पंचांग के 5  अंग और उनका महत्व

  • वार: सप्ताह के प्रत्येक दिन का विशेष प्रभाव होता है।
  • तिथि: चंद्रमा की स्थिति के अनुसार शुभ-अशुभ समय को दर्शाती है।
  • नक्षत्र: जीवन की गतिविधियों पर ग्रहों के प्रभाव को दर्शाता है।
  • योग: कार्य की सफलता और अनुकूलता को प्रभावित करता है।
  • करण: किसी कार्य को प्रारंभ करने के लिए उपयुक्त समय निर्धारित करता है।

पंचांग के अनुसार कार्य करने के लाभ

  • विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत और यात्रा जैसे शुभ कार्य सही समय पर करने से सफलता और समृद्धि के अवसर बढ़ते हैं।
  • यह निर्णय क्षमता को मजबूत करता है, जिससे जीवन अधिक सुव्यवस्थित और उन्नत बनता है।
  • पंचांग का ज्ञान हमें प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन बनाकर जीवन को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने में सहायक होता है।
  • सही समय पर लिए गए निर्णय जीवन को अधिक सुखद और समृद्ध बना सकते हैं, और पंचांग इस मार्ग में एक प्रभावी साधन साबित होता है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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