मंगल गोचर से बने Angarak Yog का 4 राशियों पर सबसे अधिक असर, विनाशकारी होता है यह योग
Angarak Yog ka Asar: मंगल ग्रह साल 2024 में 23 अप्रैल को अपना राशि परिवर्तन कर कुंभ से मीन में गोचर कर चुके हैं। इस गोचर से कालपुरुष कुंडली के नवें भाव उनकी युति राहु से हो रही है, जिससे एक खतरनाक अंगारक योग बन रहा है। इस योग का असर यूं तो सभी राशियों पर पड़ेगा, लेकिन 4 राशियां इससे सबसे अधिक प्रभावित होंगी।
मिथुन राशि (Gemini)
इस राशि के जातकों को मंगल गोचर (कुम्भ से मीन राशि में) से बने अंगारक योग का एक जबरदस्त असर ये होगा कि वे जो काम करना चाहेंगे, उनमें काफी अड़चने आएंगी। बहुत ज्यादा धन खर्च होने के बाद भी काम की सफलता में संदेह है। पारिवारिक संबंध में खटास और कटुता बढ़ने के योग हैं, इससे वे मानसिक तौर पर टूट सकते हैं।
कन्या राशि (Virgo)
कन्या राशि के जातकों के लिए अंगारक योग नौकरी और व्यवसाय में बाधाएं खड़ी करने के योग बना रहा है। बॉस से खटपट हो सकती है, प्रमोशन रुक सकता है। व्यवसायियों को बिजनेस में घाटा होने की सम्भावना है। विदेश से आयात-निर्यात से करने वाले बिजनेसमैन जातक यदि योजना बनाकर काम नहीं करेंगे, तो उनको भारी नुकसान होने के योग हैं। वे दिवालिया हो सकते हैं।
तुला राशि (Libra)
इस राशि के जातकों के लिए मंगल गोचर काफी लाभकारी होता, यदि अंगारक नहीं बना होता। इस योग की वजह से वे मानसिक रूप से अशांत रहेंगे। इसका असर सभी प्रकार के कामों पर पड़ेगा। शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले जातकों का काम, विशेष कर धन की कमी से, बिगड़ सकता है। कर्ज में बढ़ोतरी हो सकती है, जिसे चुकाना काफी मुश्किल होगा।
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मकर राशि (Capricorn)
मंगल-राहु की युति मकर राशि के जातकों पर न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामाजिक और आर्थिक रूप से नकारात्मक असर डाल सकता है। पति-पत्नी में कलह बढ़ने के योग हैं। सामाजिक रूप से कोई लांछन लग सकता है, जिससे प्रतिष्ठा में कमी आएगी। जमीन-जायदाद के झगडे कानूनी रूप ले सकते हैं। कोर्ट-कचहरी के कामों में धन का अपव्यय होगा।
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क्यों विनाशकारी होता है अंगारक योग?
अंगारक योग तब बनता है, जब कुंडली के किसी भाव (घर) में मंगल और राहु एक साथ बैठे होते हैं। मंगल अग्नि तत्त्व का ग्रह है, जबकि राहु वायु तत्त्व से संबंधित हैं। अग्नि और वायु का मेल विनाशकारी होता है। इससे मंगल और राहु दोनों की आक्रामकता बढ़ जाती है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, मंगल-राहु की युति से उत्पन्न ऊर्जा को नियंत्रित नहीं किए जाने पर जातक (व्यक्ति) गलत और अनैतिक कार्यों में लिप्त हो जाता है। यह योग व्यक्ति को मानसिक रूप से अशांत कर देता है, सही निर्णय लेने में परेशानी होती है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।