होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

Mangal Gochar से बना अंगारक योग, जानिए क्या है मंगल-राहू युति से बना यह 'विस्फोटक' योग

ग्रहों के गोचर से कई योग बनते हैं, जो शुभ और अशुभ दोनों ही होते हैं। 23 अप्रैल को मंगल मीन राशि में राहू से युति कर 'अंगारक योग' बना रहा है, जो शुभ नहीं है। आइए जानते हैं, अंगारक योग क्या है और इसका क्या असर होगा?
06:13 PM Apr 23, 2024 IST | News24 हिंदी
अलग-अलग भावों में बने अंगारक योग का असर भिन्न-भिन्न होता है।
Advertisement

Angarak Yog Kya Hai: ग्रह-गोचर का असर सभी राशियों पर पड़ता है। कभी-कभी कोई ग्रह किसी दूसरे ग्रह के साथ एक ही घर में होते हैं, जिनका संयोग काफी खतरनाक होता है। यही स्थति मंगल ग्रह के गोचर (Mangal Gochar ) से बन रही है। मंगल 23 अप्रैल को शनि की राशि कुम्भ से निकलकर वृहस्पति की राशि मीन में प्रवेश कर रहे हैं। इस राशि में वे 01 जून तक गोचर करेंगे। मीन राशि में मंगल और राहू युति बनाएंगे यानी एकसाथ रहेंगे, जिसे काफी विस्फोटक माना जा रहा है।

Advertisement

अंगारक योग क्या है?

कई बार हमने सुना है कि कुंडली में अंगारक योग (Angarak Yog) है, लेकिन ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं कि अंगारक योग क्या है? अंगारक योग तब बनता है, जब कुंडली में राहु और मंगल एक साथ बैठते हैं। यह कभी-कभी व्यक्ति के जीवन में बहुत ही खतरनाक प्रभाव दिखाता है। यह दोष तब अपना प्रतिकूल और हानिकारक प्रभाव देता है, जब जन्म कुंडली में राहु और मंगल की स्थिति अशुभ होती है। अंगारक अग्नि का प्रतीक है और मंगल का स्वभाव भी अग्नि-तत्व का है।

अंगारक योग का असर

Advertisement

अंगारक योग अपना प्रतिकूल और हानिकारक प्रभाव तब देता है, जब जन्म कुंडली में राहु और मंगल की स्थिति अशुभ होती है। अंगारक अग्नि को दर्शाता है, जो मंगल की प्रकृति है, इसलिए जातक गर्मी और आक्रामकता से पीड़ित होता है। मंगल अग्नि तत्त्व ग्रह है, जबकि राहु तेल का प्रतिनिधित्व करता है। यह मंगल एक उग्र ग्रह है, जो राहू से युति के बाद और आक्रामक हो जाता है। ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार, यदि इस संयोग से उत्पन्न जबरदस्त ऊर्जा को सही ढंग से कंट्रोल नहीं किया जाता है, तो जातक (व्यक्ति) गलत कामों में शामिल हो सकता है। राहू और मंगल की युति व्यक्ति को सही निर्णय नहीं लेने देती है।

मीन राशि में अंगारक योग का प्रभाव

अंगारक योग किसी भी भाव (घर) में बन सकता है। अलग-अलग भावों में बने अंगारक योग (Angarak Yog) का असर भी भिन्न-भिन्न होता है। अप्रैल-जून, 2024 के बीच मंगल-राहू युति से कालपुरुष कुंडली के 9वें भाव में मीन राशि का अंगारक योग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र की पुस्तकों के अनुसार, कालपुरुष कुंडली के 9वें भाव में मीन राशि का अंगारक योग अन्य राशियों में बने अंगारक योग के प्रभाव के दुष्प्रभाव के जितना प्रभावशाली नहीं होता है यानी कम असरकारी होता है। मीन राशि के अंगारक योग के कुछ मुख्य प्रभाव इस प्रकार होने आसार हैं:

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Open in App
Advertisement
Tags :
AstrologyMangal GocharReligion
Advertisement
Advertisement