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Astrology: चंद्रमा का विशेष योग बन सकता है असफलता का कारण, इन 3 उपाय से पाएं छुटकारा

Astrology: ज्योतिषियों के अनुसार, जब कुंडली के छठे स्थान में चंद्रमा, मंगल और शनि ग्रह रहते हैं तो व्यक्ति को मेहनत करने के बावजूद भी फल नहीं मिलता है। व्यक्ति को हर कार्य में असफल होना पड़ता है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि चंद्रमा के छठे स्थान में होने से क्या-क्या प्रभाव पड़ता है।
11:02 AM Mar 11, 2024 IST | Raghvendra Tiwari
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Astrology: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब कुंडली में छठे स्थान में चंद्रमा, मंगल और शनि ग्रह के साथ रहते हैं तो व्यक्ति को परिश्रम का फल नहीं मिलता है। बल्कि उलटा धन हानि की स्थिति बनी रहती है। व्यक्ति अपने कार्यक्षेत्र में मेहनत से काम करता है लेकिन धन की प्राप्ति अधिक नहीं हो पाती है। बता दें कि इन सभी का कारण हैं कुंडली के छठे स्थान में चंद्र, मंगल और शनि के एक साथ होना। तो आज इस खबर में जानेंगे कि कुंडली में छठे स्थान में चंद्रमा, मंगल और शनि के साथ होने से क्या-क्या प्रभाव पड़ता है।

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मेहनत का नहीं मिलता है फल

ज्योतिषियों के अनुसार, व्यक्ति को कई बार ऐसी स्थितियों का सामना भी करना पड़ जाता है जब भरपूर मेहनत करने के बाद सफलता नहीं मिलती है साथ ही उस मेहनत का क्रेडिट कोई और ले कर चला जाता है। जो लोग कारोबार करने वाले होते हैं वे अन्य व्यापारियों से कम धन अर्जित कर पाता है। कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर होने से व्यक्ति को हर कार्य में असफलता हाथ लगती है। कर्मचारी ठीक से काम नहीं करते हैं। यहां तक की कर्ज की भी स्थिति बन जाती है।

कुंडली में छठे भाव में होने से व्यक्ति बन जाता है कर्जदार

माना जाता है कि जब कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर होती है तो व्यक्ति का मन अशांत रहता है। साथ ही किसी भी कार्य में मन नहीं लगता है। कारोबार में कम मुनाफा होता है। जिसके कारण व्यक्ति को कई बार कर्ज का सामना भी करना पड़ता है। ज्योतिषियों के अनुसार, कुंडली में छठे स्थान में जिस प्रकार के ग्रह मौजूद होंगे, व्यक्ति के जीवन पर वैसा ही प्रभाव पड़ेगा। यदि कुंडली के छठे भाव में ग्रहों की स्थिति शुभ है तो व्यक्ति जो भी मेहनत करता है उसका फल तुरंत मिलता है लेकिन वहीं कुंडली के छठे भाव में ग्रहों की स्थिति कमजोर होने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

यह उपाय करने से होंगे धनलाभ

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब कुंडली में चंद्रमा की स्थिति ठीक नहीं होता है तो व्यक्ति को कई तरह के समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में व्यक्ति को श्री सूक्त कनकधारा स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। इस पाठ को करने से हर कार्य में सफलता मिलती है।

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मान्यताओं के अनुसार, कुंडली में चंद्रमा की स्थिति ठीक करने के लिए ज्योतिषियों की सलाह से मोती रत्न धारण कर सकते हैं।

यदि कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर है तो नियमित रूप से बरगद के पेड़ की जड़ में जल अर्पित करें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24  इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय पर सलाह लें।

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Astrology
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