होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

Dharma Karma: 3 प्रकार के होते हैं मंत्र, इन मंत्रों का आप भी कर सकते हैं प्रयोग

12:20 PM May 11, 2023 IST | Sunil Sharma
Advertisement

Dharma Karma: शास्त्रों में अनगिनत मंत्रों का उल्लेख करते हुए उन्हें अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया है। कुछ को बीज मंत्र कहा जाता है, कुछ को मंत्र और कुछ को स्तोत्र कहा जाता है। मंत्रों को दक्षिणाचार और वामाचार दोनों पद्धतियों से सिद्ध किया जा सकता है। ज्योतिषाचार्य पंडित रामदास से जानिए कि मंत्रों में क्या भेद होता है और उन्हें किस तरह सिद्ध किया जा सकता है।

Advertisement

यह भी पढ़ें: Narsingh Kavach: इस मंत्र के जप से तुरंत नष्ट होंगे शत्रु, हर जगह मिलेगी कामयाबी

इन 3 श्रेणियों में बांटा गया है मंत्रों को (Dharma Karma)

बीज मंत्र

एकाक्षरी (अर्थात् एक अक्षर वाले) मंत्रों को ही बीज मंत्र कहा जाता है। उदाहरण के लिए भगवान राम का बीजमंत्र रां है, मां काली का बीजमंत्र क्रीं हैं, भी ब्रह्म का बीजमंत्र है। जैसे एक सामान्य छोटे से बीज में पूरा जंगल छिपा होता है, उसी प्रकार इन बीजमंत्रों में भी देवता को प्रकट करने की अद्भुत सामर्थ्य होती है। ये प्रचंड शक्तिशाली होते हैं अत: इनका प्रयोग किसी गुरु की देखरेख में ही करना चाहिए। अन्यथा लाभ के स्थान पर नुकसान भी हो सकता है।

मंत्र

एक से अधिक अक्षरों से मिल कर मंत्र का निर्माण होता है। इनमें बीजमंत्रों का भी प्रयोग हो सकता है और नहीं भी। इनका पुरश्चरण करके इन्हें सिद्ध किया जाता है। इन मंत्रों को विशेष उद्देश्यों के लिए ही प्रयोग किया जाता है। अत: इनका प्रयोग करते समय खास सावधानी रखनी चाहिए। यदि किसी गुरु से मंत्र प्राप्त हो तो वह विशेष रुप से प्रभावशाली होता है।

Advertisement

यह भी पढ़ें: Paan ke Totke: पान के पत्तों से करें ये उपाय तो मिट जाएगा हर दुख, चिंता भी दूर होगी

स्तोत्र

जिन मंत्रों में 50 से अधिक अक्षर होते हैं, उन्हें स्तोत्र कहा जाता है। स्तोत्र के जरिए देवताओं की स्तुति की जाती है। उदाहरण के लिए राम रक्षा स्तोत्र, आदित्य ह्रदय स्तोत्र आदि भी इसी प्रकार के मंत्र हैं। इनका भी प्रचंड प्रभाव होता है। यदि आपके मन में किसी दुख को दूर करने की इच्छा है, किसी रोग, शोक या दारिद्रय को दूर करना चाहते हैं तो इनका प्रयोग कर सकते हैं। इनका प्रयोग कोई भी कर सकता है बशर्तें उनका उच्चारण बिल्कुल शुद्ध और सही होना चाहिए। साथ ही उसके मन में किसी दूसरे का अनिष्ट करने की इच्छा बिल्कुल नहीं होनी चाहिए।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

(richmondartmuseum.org)

Open in App
Advertisement
Tags :
aditya hridaya stotrabeej mantradharma karmaJyotish Tipsram raksha stotraTantra-Mantra
Advertisement
Advertisement