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Kaalchakra: 2025 में शनि-गुरु और राहु-केतु का कब होगा गोचर? पंडित सुरेश पांडेय से जानें 12 राशियों के उपाय

Kaalchakra News24 Today: साल 2025 में शनि, गुरु, राहु और केतु ग्रह का गोचर हो रहा है। चलिए पंडित सुरेश पांडेय से जानते हैं इन 4 बड़े ग्रहों का राशि परिवर्तन किस समय होगा और इनके अशुभ प्रभाव से बचने के 12 राशियों के अचूक उपायों के बारे में।
10:32 AM Jan 05, 2025 IST | Nidhi Jain
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Kaalchakra News24 Today, Pandit Suresh Pandey: ग्रह गोचर के लिहाज से साल 2025 बेहद खास है। इस दौरान 4 बड़े ग्रहों का गोचर होने जा रहा है। मार्च में शनि मीन राशि में प्रवेश करेंगे, जहां वो ढाई साल तक रहेंगे। मई में गुरु मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे और 1 साल तक इसी राशि में रहेंगे। मई में राहु कुंभ राशि में गोचर करेंगे, जहां वो 18 महीनों तक रहेंगे। राहु के साथ केतु भी मई महीने में राशि बदलेंगे और सिंह राशि में गोचर करेंगे। इन 4 ग्रहों के राशि परिवर्तन का समय-समय पर 12 राशियों के जीवन पर प्रभाव पड़ेगा।

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आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको शनि, गुरु, राहु और केतु गोचर के अशुभ प्रभाव से बचने के उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं।

मेष राशि

29 मार्च से मेष राशि के जातकों के ऊपर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। इस दौरान हर शनिवार को शनि मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं। जरूरतमंद लोगों की मदद करें। गुरु ग्रह के गोचर में भगवान विष्णु की पूजा करें। राहु के गोचर में भगवान कृष्ण की पूजा और केतु गोचर में गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करना शुभ रहेगा।

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वृषभ राशि

शनि के गोचर में घर में बनी पहली रोटी गाय, कुत्ते और कौवे को खिलाएं। घर में पीपल के पेड़ लगाएं और उनकी देखभाल करें। गुरु ग्रह के गोचर में केले के पेड़ की पूजा करें। राहु के गोचर में किसी सफाई कर्मचारी को भोजन कराएं और नियमित रूप से दुर्गा चालीसा का पाठ करें। केतु गोचर में केले के पत्ते पर उबले चावल रखकर भैरव मंदिर में भोग लगाएं।

मिथुन राशि

शनि के गोचर में चिड़ियों को दाना-पानी दें। काली उड़द और काले तिल का दान करें। गुरु ग्रह के गोचर में पानी में हल्दी मिलाकर नहाएं। राहु के गोचर में नियमित गायत्री मंत्र का जाप करें। बुरी संगत और गलत कार्यों से दूर रहें। केतु के गोचर में 12 ज्योतिर्लिंग के नाम का उच्चारण करें। इसके अलावा नीम का पेड़ लगाना भी शुभ रहेगा।

कर्क राशि

29 मार्च तक आप पर शनि की ढैय्या का प्रभाव रहेगा। शनि के गोचर में भगवान शनि की पूजा करें। शनि मंदिर में दान-पुण्य करें। गुरु ग्रह के गोचर में जरूरतमंद लोगों को पीला अन्न और पीले फल का दान करें। गुरुवार को गाय को बेसन के लड्डू खिलाएं और बृहस्पति स्तोत्र का पाठ करें। राहु के गोचर में बजरंग बाण या हनुमान चालीसा का पाठ करें और काले कुत्ते को रोटी खिलाएं। केतु के गोचर में शिव मंदिर में ध्वजा चढ़ाएं।

सिंह राशि

29 मार्च के बाद आप पर शनि की ढैय्या शुरू होगी। शनि के गोचर में उड़द की दाल की खिचड़ी बनाकर लोगों को खिलाएं। गुरु ग्रह के गोचर में केले का दान करें और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। राहु के गोचर में भगवान शिव की पूजा करें। पीपल के पेड़ में नियमित जल चढ़ाएं। केतु के लिए हर दिन गायत्री मंत्र का जाप करें।

अन्य राशियों के जातक यदि शनि, राहु, केतु और गुरु गोचर के अशुभ प्रभाव से बचने के उपायों के बारे में जानना चाहते हैं, तो इसके लिए ये वीडियो जरूर देखें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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