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19 वर्ष बाद बना सावन में पद्मिनी एकादशी का अद्भुत दुर्लभ संयोग, जानिए इसका महत्व एवं व्रत पूजा विधि

01:26 PM Jul 28, 2023 IST | Sunil Sharma
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Padmini Ekadashi Vrat: श्रावण मास में आने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी को पद्मिनी एकादशी कहा जाता है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु की प्रिय तिथि मानी गई है। इस बार श्रावण अधिकमास होने के कारण पद्मिनी एकादशी भी अत्यधिक पुण्यदायी बन गई है। ज्योतिषियों के अनुसार 19 वर्ष बाद ऐसा हो रहा है कि श्रावण माह में अधिक माह आने के कारण इस बार सावन माह 59 दिनों का हो गया है। जानिए कब है पद्मिनी एकादशी तिथि और कैसे करें एकादशी व्रत

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कब है पद्मिनी एकादशी व्रत तिथि

पंचांग के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी 28 जुलाई को दोपहर 2.51 बजे आरंभ होगी। इसका समापन अगले दिन 29 जुलाई को दोपहर 1.05 बजे होगा। हिंदू धर्म में उगते सूर्य की मान्यता के कारण एकादशी 29 जुलाई को ही मनाई जाएगी। व्रत का पारण 30 जुलाई को सुबह 5.41 बजे से 8.24 बजे तक किया जा सकेगा।

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कैसे करें एकादशी व्रत (Padmini Ekadashi Vrat Puja Vidhi)

एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठ कर स्नान आदि कर ईश्वर पूजा करनी चाहिए। अपने घर के मंदिर अथवा किसी विष्णु मंदिर में जाकर भगवान श्रीहरि और मां कमला की पूजा करें। उन्हें पुष्प, माला, चंदन तिलक, धूप, दीपक, अक्षत, फल, नैवेद्य आदि अर्पित करें। पूजा के बाद सभी को प्रसाद बांटें। पूरे दिन निराहार रहकर व्रत करें। एक समय फलाहार कर सकते हैं।

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व्रत के दौरान रखें ये सावधानियां

एकादशी व्रत करने वाले भक्तों को कुछ सावधानियों का विशेष ध्यान रखना चाहिए अन्यथा इस व्रत का लाभ नहीं मिलता है। ये नियम इस प्रकार हैं-

  1. पद्मिनी एकादशी व्रत (Padmini Ekadashi Vrat) में पूर्ण ब्रह्मचर्य से रहना चाहिए और सात्विक जीवनशैली का पालन करना चाहिए।
  2. किसी भी महिला, बुजुर्ग, भिखारी, रोगी, अपाहिज या पशु-पक्षी को दुत्कारें नहीं। उनका अपमान भी न करें।
  3. एकादशी व्रत के दौरान पूरी तरह अन्न का त्याग करना चाहिए। यद्यपि फलाहार ले सकते हैं परन्तु अन्न अथवा नमक ग्रहण करने से व्रत खंडित हो जाता है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

(www.whitestallion.com)

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Tags :
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