वृश्चिक, मीन और कर्क राशि वाले हो जाएं सावधान, शनि की डेढ़ी नजर से बचने के लिए करें ये उपाय
Shani Ki Sade Sati Aur Dhaiya: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव अशुभ और शुभ दोनों होता है। बता दें कि ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर शनि जयंती मनाई जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शनि देव का जन्म ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को माना गया है। इसलिए ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि के दिन शनि देव की पूजा-पाठ का विशेष महत्व है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनि जयंती के दिन विधि-विधान से पूजा करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही शनि देव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल शनि जयंती 06 जून 2024 दिन गुरुवार को मनाई जाएगी। इस दिन शनि देव के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए कुछ उपाय किए जाते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस समय शनि की साढ़ेसाती मीन राशि पर पहला चरण चल रहा है। वहीं कर्क और वृश्चिक राशि वाले लोगों पर शनि की ढैय्या चल रही है। ऐसे में कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वाले लोगों को शनि जयंती के दिन कुछ ऐसे उपाय करने चाहिए जिससे शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव से मुक्ति मिल सके।
शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति पाने के लिए वृश्चिक, कर्क और मीन राशि वाले लोग शनि जयंती के दिन विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। बता दें कि मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है और पहला चरण बहुत ही ज्यादा खतरनाक होता है। इसलिए मीन राशि वाले लोगों को इस समय अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए। साथ ही शनि देव को प्रसन्न करने के लिए सरसों का दीप जलाना चाहिए। ज्योतिषियों के अनुसार, जिस राशि में शनि की साढ़ेसाती लग जाती है उस व्यक्ति को कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं।
वहीं वृश्चिक और कर्क राशि वाले लोगों पर शनि की ढैय्या चल रही है। माना जाता है कि जब शनि की ढैय्या लगने से व्यक्ति के जीवन में कई तरह की परेशानियां आने लगती हैं। साथ ही कारोबार में हानि होने लगती है। जीवन अस्त-व्यस्त रहता है। तो साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति पाने के लिए शनि जयंती पर कुछ उपाय भी कर सकते हैं।
साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति कैसे पाएं
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि जयंती के दिन सुबह उठकर स्नान-ध्यान करके स्वच्छ कपड़ा पहनें। साथ ही मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। उसके बाद शनि मंदिर जाकर शनि देव की विधि-विधान से पूजा करें। साथ ही शनि चालीसा का पाठ करें। यदि संभव हो तो इस दिन व्रत भी रख सकते हैं। मान्यता है कि इस तरह पूजा-पाठ करने से शनि देव प्रसन्न हो जाते हैं। साथ ही कुंडली से साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कम हो जाता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।