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Surya Gochar 2025: ग्रहों के स्वामी सूर्य की साल 2025 में 11 संक्रांतियां हैं शेष, जानें सही डेट और महत्व

Surya Gochar 2025: सूर्य साल में 12 बार अपनी राशि बदलते हैं, जिसे संक्रांति कहते हैं। एक वर्ष में कुल 12 सूर्य संक्रांति होती है जिसका अलग-अलग धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व है। मकर संक्रांति 14 जनवरी, 2025 को संपन्न हो चुकी है। क्या आप जानते हैं कि साल की पहली संक्रांति मेष संक्रांति है? आइए जानते हैं, बाकी 11 सूर्य संक्रांति कब है और इनका महत्व क्या है?
11:03 AM Jan 24, 2025 IST | Shyam Nandan
surya gochar 2025  ग्रहों के स्वामी सूर्य की साल 2025 में 11 संक्रांतियां हैं शेष  जानें सही डेट और महत्व

Surya Sankranti 2025: जैसा कि सूर्य संक्रांति शब्द से स्पष्ट होता है कि सूर्य संक्रांति का संबंध मुख्य रूप से सूर्य की स्थिति और उसकी चाल से है। यह एक विशेष और अनिवार्य खगोलीय घटना है, जो हर महीने तब घटित होती है जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। 'संक्रांति' का शाब्दिक अर्थ है 'संक्रमण' या 'परिवर्तन।' यह घटना वैदिक ज्योतिष और हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। सूर्य हर महीने 12 राशियों में से एक राशि में प्रवेश करते हैं और इस प्रकार उनके एक संक्रांति संपन्न होती है। एक राशि से दूसरी राशि में जाने की यह प्रक्रिया सूर्य की "गोचर' गति के तहत होती है।

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पंचांग के अनुसार, एक वर्ष में कुल 12 संक्रांति होती है और प्रत्येक का अलग-अलग धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व है। साल की सबसे महत्वपूर्ण संक्रांति 'मकर संक्रांति' होती है, जो इस साल 14 जनवरी, 2025 को संपन्न हो चुकी है। इस संक्रांति के तहत भगवान सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रविष्ट हुए थे। वैदिक ज्योतिष की 11 सूर्य संक्रातियां अभी होनी बाकी हैं। इसे आप नीचे के टेबल में देख सकते हैं। आइए जानते हैं, बाकी 11 सूर्य संक्रांति कब-कब है और इनका महत्व क्या है?

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2025 में सूर्य संक्रांति

साल 2025 में सूर्य संक्रांति की तिथियां
क्र.सं.संक्रांतितारीखदिनआरंभ समय
1मकर संक्रांतिजनवरी 14, 2025मंगलवार09:03 AM बजे
2कुम्भ संक्रांतिफरवरी 12, 2025बुधवार10:03 PM बजे
3मीन संक्रांतिमार्च 14, 2025शुक्रवार06:58 PM बजे
4मेष संक्रांतिअप्रैल 14, 2025सोमवार03:30 AM बजे
5वृषभ संक्रांतिमई 15, 2025बृहस्पतिवार12:20 AM बजे
6मिथुन संक्रांतिजून 15, 2025रविवार06:52 AM बजे
7कर्क संक्रांतिजुलाई 16, 2025बुधवार05:40 PM बजे
8सिंह संक्रांतिअगस्त 17, 2025रविवार02:00 AM बजे
9कन्या संक्रांतिसितम्बर 17, 2025बुधवार01:54 AM बजे
10तुला संक्रांतिअक्टूबर 17, 2025शुक्रवार01:53 PM बजे
11वृश्चिक संक्रांतिनवम्बर 16, 2025रविवार01:44 PM बजे
12धनु संक्रांतिदिसम्बर 16, 2025मंगलवार04:26 AM बजे

प्रमुख सूर्य संक्रांतियां

मकर संक्रांतितब होती है जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इसे उत्तरायण (सूर्य की उत्तरी गति) का प्रारंभ भी कहा जाता है। यह सबसे प्रमुख संक्रांति है और फसल कटाई के त्योहार के रूप में भारत भर में बड़े हर्षोल्लास से मनाई जाती है। कर्क संक्रांति तब होती है जब सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करते हैं। इसे दक्षिणायण (सूर्य की दक्षिणी गति) का प्रारंभ कहा जाता है। आपको बता दें कि साल की पहली संक्रांति मेष संक्रांति होती है, जिससे हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है।

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सूर्य संक्रांति का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

हिन्दू धर्म में सूर्य संक्रांति का समय धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना गया है। इस दौरान गंगा स्नान, दान, और पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। मकर संक्रांति को भारत में फसल उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसे तमिलनाडु में पोंगल, पंजाब में लोहड़ी, असम में बिहू और गुजरात में उत्तरायण के रूप में मनाया जाता है। संक्रांति के दिन सूर्य देव  के साथ भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। सूर्य संक्रांति का दिन विशेष रूप से व्रत और दान के लिए उपयुक्त माना जाता है।

सूर्य संक्रांति का ज्योतिष महत्व

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य का हर राशि में गोचर देश-दुनिया, प्रकृति, मौसम और सभी राशियों के व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव डालता है। संक्रांति ऋतु परिवर्तन का संकेत देती है। किसी भी राशि में सूर्य के प्रवेश से उस राशि और संबंधित ग्रहों के प्रभाव में परिवर्तन होता है। ज्योतिष में, सूर्य संक्रांति को नई योजनाओं की शुरुआत, यात्रा और शुभ कार्यों के लिए अनुकूल माना जाता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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