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Zodiac Signs: 30 साल संघर्ष के बाद इन 2 राशि के लोगों को मिलती है जबरदस्त सफलता, इनमें कहीं आप भी तो नहीं!

Zodiac Signs: वैदिक ज्योतिष की 12 राशियों में से 2 राशियों के जातकों को 30 साल के संघर्ष के बाद जबरदस्त सफलता मिलती है और इसके बाद ये लोग पीछे मुड़कर नहीं देखते हैं। आइए जानते हैं, ये 2 राशियां कौन-सी हैं, इन राशियों के ग्रह स्वामी कौन-हैं और इन राशियों में और क्या गुण और विशेषताएं होते हैं?
04:33 PM Jan 04, 2025 IST | Shyam Nandan
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Zodiac Signs: वैदिक ज्योतिष में ग्रहों और राशियों के संबंध में यह देखा गया है कि कुछ राशियों के जातकों को बहुत कम उम्र में सफलता, शोहरत और खूब सारा धन मिल जाता है, तो कुछ राशि वालों को अपने लक्ष्य की प्राप्ति बहुत देर से होती है। वहीं ग्रहों के योग-संयोग से कुछ राशियों के जातकों को सारी उम्र एक-एक पैसे के लिए एड़ी-चोटी एक करनी पड़ती है।

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वहीं यह भी देखा गया है कि 2 राशि के लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें उम्र के एक खास पड़ाव पार करने के बाद अचानक सफलताएं मिलने लगती हैं। इसके बाद इन राशियों के व्यक्ति फिर पीछे मुड़कर नहीं देखते हैं। यह भी देखा गया है कि यदि ये लोग सफलता और धन पाने के बाद नैतिकता और ईमानदारी का दामन नहीं छोड़ते हैं, तो जीवन में नई-नई ऊंचाइयों को छूते हैं। आइए जानते हैं, ये 2 राशियां कौन-सी हैं, इन राशियों के ग्रह स्वामी कौन-हैं और इन राशियों में और क्या गुण और विशेषताएं होते हैं?

होते हैं अनुशासनप्रिय और मेहनती

यहां जिन दो राशियों की बात हो रही है, वे बेहद अनुशासनप्रिय और मेहनती होते हैं। प्रायः ये लोग जिम्मेदार, संयमी और स्थिर स्वभाव के होते हैं। ये लोग किसी भी प्रकार की चुनौतियों का सामना करने की क्षमता रखते हैं। ये दो राशियां है: मकर और कुंभ। इन दोनों राशियों में जो भी गुण और विशेषताएं मिलती हैं, उसका कारण है, इनके ग्रह स्वामी।

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मकर और कुंभ के स्वामी ग्रह

मकर और कुंभ के स्वामी ग्रह शनिदेव हैं, जो ज्योतिष शास्त्र में ‘कर्मफल दाता’ और ‘न्यायाधीश’ कहे जाते हैं। शनि धीमी गति से चलने वाले ग्रह हैं, लेकिन इनका प्रभाव गहरा और दीर्घकालिक होता है। शनि ग्रह का उद्देश्य व्यक्ति को जीवन के सत्य और कर्म के महत्व का बोध कराना है। यह सख्त शिक्षक की तरह है, जो कठिन रास्तों से चलाकर व्यक्ति को सशक्त और सफल बनाता है।

सफलता के लिए चाहिए संयम और धैर्य

शनि व्यक्ति को कठिन परिस्थितियों में डालकर आत्म-सुधार और विकास के अवसर प्रदान करता है। यह ग्रह संघर्ष के माध्यम से सिखाने और मजबूत बनाने में विश्वास रखता है। यह सिखाता है कि धैर्य और परिश्रम से जीवन में सभी बाधाओं को पार किया जा सकता है और जीवन में सफलता के लिए संयम और धैर्य आवश्यक हैं।

30 साल संघर्ष के बाद मिलती है सफलता

शनि जीवन में धीरे-धीरे प्रगति करता है लेकिन स्थायी और गहरा प्रभाव छोड़ता है। शनि अनुशासनप्रिय ग्रह है। यह व्यक्ति को जिम्मेदार और व्यवस्थित बनाता है। जब तक मकर और कुंभ राशियों के जातकों में एक मैच्योरिटि नहीं आती है, इन्हें कुछ खास नहीं मिलता है। यह देखा गया है कि 30 साल की उम्र के बाद इन दोनों राशियों के जातकों जबरदस्त सफलता मिलती है।

मकर राशि के गुण और विशेषताएं

मकर राशि पृथ्वी तत्व की राशि है, यह राशि ज्योतिष में कर्मठता, अनुशासन, और स्थिरता का प्रतीक मानी जाती है।

कुंभ राशि के गुण और विशेषताएं

कुंभ राशि वायु तत्व की राशि है, जिसके स्वामी ग्रह शनि हैं। इस राशि के जातक स्वतंत्र, रचनात्मक और समाज सेवा के लिए जाने जाते हैं। ये अपने निर्णय खुद लेना पसंद करते हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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