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Zodiac Signs: बुध-गुरु की अशुभ दृष्टि से 3 राशियों पर मंडराया संकट, धन और सेहत की हानि से जिंदगी हो सकती है फटेहाल!

Zodiac Signs: वाणी-व्यापार और शुभ-लाभ के देवता बुध और देवताओं के गुरु बृहस्पति 18 नवंबर से प्रतियुति योग बना रहे हैं, जिसे वैदिक ज्योतिष में अच्छा नहीं माना जाता है। बुध-गुरु के इस अशुभ योग से 3 राशियों के जातकों की जीवन में संकट बढ़ सकता है। आइए जानते है, ये 3 अनलकी राशियां कौन-सी हैं?
11:09 PM Nov 16, 2024 IST | Shyam Nandan
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Zodiac Signs: ज्योतिषाचार्यों ने पहले ही यह घोषणा कर रखी है कि नवंबर 2024 का महीना ग्रहों की हलचल का खास महीना है, जो जातकों की जिंदगी में काफी उथल-पुथल मचा सकता है। इसकी एक बानगी 18 नवंबर को देखने मिल रही है। इस तारीख से वैदिक ज्योतिष के दो शुभ ग्रह ग्रहों के राजकुमार बुध और देवताओं के गुरु बृहस्पति एक-दूसरे पर परस्पर दृष्टि डाल रहे हैं, जिसे अच्छा नहीं माना जाता है। बुध-गुरु के इस अशुभ योग अक्सर धन और स्वास्थ्य पर बेहद नेगेटिव असर होता है।

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वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को वाणी, बुद्धि, विवेक, संचार, मीडिया, व्यापार, धन लाभ, साझेदारी, मित्रता, मनोरंजन और हास्य-व्यंग्य आदि पहलुओं का स्वामी और नियंत्रक बताया है। वहीं गुरु ग्रह बृहस्पति को ज्ञान, न्याय, धन, विवाह और संतान जैसे जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं का स्वामी और नियंत्रक माना जाता है। बुध और गुरु की इस परस्पर दृष्टि से जीवन के इन सभी पहलुओं पर व्यापक और गहरा असर होगा।

बुध-गुरु की अशुभ दृष्टि का राशियों पर असर

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, बुध और गुरु की इस अशुभ दृष्टि से 3 राशियों के जातकों पर बेहद नेगेटिव प्रभाव पड़ने की आशंका है। आइए जानते हैं, बुध-गुरु के प्रतियुति योग से सबसे अधिक प्रभावित होने वाली 3 राशियां कौन-सी हैं?

मिथुन राशि

बुध ग्रह मिथुन राशि के स्वामी ग्रह हैं, इसलिए मिथुन राशि के लोगों पर बुध-गुरु की प्रतियुति दृष्टि का सीधा प्रभाव पड़ सकता है। इस राशि के जातक आमतौर पर चंचल और जिज्ञासु होते हैं। बुध-गुरु की अशुभ दृष्टि से वे अत्यधिक चिंतित, बेचैन और निर्णय लेने में असमर्थ हो सकते हैं। व्यापार में उतार-चढ़ाव और आर्थिक नुकसान हो सकता है। आय के स्रोतों में अनिश्चितता रहेगी। इससे जीवन के मुश्किलें बढ़ेंगी। कार्यस्थल पर तनाव, सहकर्मियों के साथ मतभेद और प्रमोशन में बाधा आ सकती हैं।

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कन्या राशि

वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध कन्या राशि में उच्च के होते हैं, इसलिए कन्या राशि के लोग भी इस प्रतियुति दृष्टि से प्रभावित हो सकते हैं। इस राशि के जातक परिश्रमी और विश्लेषक होते हैं। बुध-गुरु की अशुभ दृष्टि से वे अत्यधिक आलोचनात्मक, चिंतित और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से ग्रस्त हो सकते हैं। आय के स्रोतों में कमी और खर्चों में वृद्धि हो सकती है। जीना मुहाल हो सकता है। ऋण लेने की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। जॉब में कार्यभार में वृद्धि, मानसिक तनाव और कार्यस्थल पर अलगाव महसूस हो सकता है। व्यापार में नुकसान, साझेदारी में विवाद और प्रतिस्पर्धियों से खतरा हो सकता है।

मीन राशि

गुरु बृहस्पति धनु राशि का स्वामी है, इसलिए मीन राशि के लोगों पर भी बुध-गुरु के प्रतियुति योग का सीधा प्रभाव पड़ सकता है। इस राशि के जातक संतुलन और न्याय के प्रति समर्पित होते हैं। बुध-गुरु की अशुभ दृष्टि से वे अनिर्णायक, चिंतित और संबंधों में समस्याओं का सामना कर सकते हैं। आर्थिक मामलों में लापरवाही के कारण नुकसान हो सकता है। निवेश से अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाएगा। नौकरी में ऑफिस की राजनीति, कलीग के साथ मतभेद और पदोन्नति में देरी हो सकती है। व्यापार में साझेदारी से संबंधित समस्याएं, कानूनी उलझने और प्रतिस्पर्धियों से खतरा हो सकता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Grah Gochar 2024
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