BH Number Plate: भारत में कहीं भी ले जा सकते हैं कार, बस लगी होनी चाहिए ये नंबर प्लेट, नहीं लगेगी पेनल्टी
BH Series Number Plate in India: आजकल कारों में BH Series की नंबर प्लेट के बारे में खूव चर्चा हो रही है। कई कारों में आपने BH Series की नंबर प्लेट को देखा भी होगा। जानकारी के लिए बता दें कि BH का मतलब भारत है और इस नंबर प्लेट के कई फायदे हैं, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने साल 2021 के सितंबर महीने में सिर्फ प्राइवेट कारों के लिए BH Series की नंबर प्लेट को जारी किया था ताकि
दूसरे राज्यों में काम करने वाले लोगों को बार-बार अपनी गाड़ी की नंबर प्लेट ना बदलनी पड़े। जिन लोगों का अक्सर ट्रांसफर दूसरे राज्य में होता रहता है उनके लिए ये फायदेमंद हैं। आइयें जानते हैं कैसे आप भारत सीरीज की नंबर प्लेट के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
BH Series के लिए कौन कर सकता है अप्लाई?
भारत सीरीज़ नंबर प्लेट हर किसी के लिए उपलब्ध नहीं है। केवल वही लोग इसके अप्लाई कर सकते हैं जिनका ट्रांसफर एक राज्य से दूसरे होता रहता है। सरकार ने इस सीरिज को सरकारी पीएसयू, निजी वाहन, रक्षा, सेना के जवान और प्राइवेट सेक्टर कंपनियों के लिए भी पेश की है।
लेकिन ध्यान देने वाली बात ये भी है कि प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारी तभी इस नंबर प्लेट के लिए अप्लाई कर सकते हैं, जब उनका ऑफिस देश के 4 राज्यों या फिर केंद्र शासित प्रदेश में हो।
BH Series के लिए कैसे करें अप्लाई ?
- भारत सीरीज़ नंबर प्लेट के लिए आपको ऑनलाइन अप्लाई करना होगा
- इसके लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय वाहन पोर्टल पर लॉग-इन करें
- डीलर की ओर से वाहनों को ऑनलाइन रजिस्टर कराना होगा
- डीलर को गाड़ी के मालिक की तरफ FORM 20 भरना होगा
- रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद BH Series का आपको मिल जायेगा
BH Series नंबर प्लेट के फायदे
BH Series नंबर प्लेट को लगाने के बाद आप भारत के किसी भी राज्य में आ-जा सकते हैं। नंबर प्लेट बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। समय की भी होती है बचत। भारत के किसी भी राज्य में इसे चलाने पर पेनॉल्टी नहीं देना पड़ता है आपको बता दें कि मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 47 के मुताबिक, पहले कार मालिकों को केवल एक साल के लिए अपनी गाड़ी को दूसरे राज्य में रखने की अनुमति थी। लेकिन BH Series के लॉन्च होने के बाद अब ऐसा नहीं है।
रजिस्ट्रेशन के लिए ज्यादा चार्ज
अन्य गाड़ियों की तुलना में भारत सीरीज़ नंबर प्लेट के रजिस्ट्रेशन का खर्च ज्यादा आता है। इसके अलावा हर 2 साल पर रजिस्ट्रेशन को रिन्यूअल करवाने की जरूरत पड़ती है । ध्यान रहे यह नॉन-ट्रांसपोर्ट व्हीकल्स के लिए लागू होता है। पॉल्यूशन सर्टिफिकेट भी होना जरूरी है ।
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