हेलमेट न पहनने पर भी बाइक चालक को मिलेगा बीमा क्लेम, हाई कोर्ट का अहम फैसला
Insurance claim of biker for not wearing helmet: अब बाइक राइडर्स के लिए राहत की बात ये है कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि अगर दुर्घटना के लिए बाइक सवार दोषी नहीं है तो इंश्योरेंस कंपनी हेलमेट न पहनने के कारण घायल हुए बाइक सवार को मिलने वाली क्लेम की राशि में कटौती नहीं कर सकती।
हाईकोर्ट की एक बेंच ने कहा, "हालांकि हेलमेट पहनना सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी और महत्वपूर्ण है, लेकिन मुआवजे की राशि कम करने के लिए यह एकमात्र मानदंड नहीं होना चाहिए। मोटर वाहन दुर्घटनाओं में लापरवाही की अवधारणा तभी सामने आती है, जब घायल पक्ष की खुद की लापरवाही दुर्घटना में योगदान देती है।"
इस पर एक घटना की सामने आई है कि जिसमें रामनगर जिले के सदाथ अली खान को 5 मार्च 2016 को एक तेज रफ्तार कार के बाइक में टक्कर मारने पर कई चोटें आईं। इलाज में 10 लाख रुपये खर्च होने के बाद खान ने इंश्योरेंस दावे की मांग करते हुए मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटाया।
हांलाकि, ट्रिब्यूनल ने अपने 24 सितंबर, 2020 के आदेश में उन्हें मुआवजे के रूप में 5.6 लाख रुपये दिए, यह कहते हुए कि क्लेम करने वाले ने दुर्घटना के समय हेलमेट नहीं पहना था। खान ने उच्च न्यायालय में यह कहते हुए आदेश को चुनौती दी कि दुर्घटना के बाद वह अपनी 35,000 रुपये प्रति माह की नौकरी जारी रखने में असमर्थ है। अदालत ने मुआवजे को बढ़ा कर 6,80,200 रुपये कर दिया।
विशाखापट्टनम में लागू हुआ नया नियम
मोटर व्हीकल एक्ट के तहत टू-व्हीलर पर पीछे बैठने वाले शख्स को हेलमेट पहनना अनिवार्य है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद विशाखापट्टनम में 1 सितंबर से एक नया नियम लागू होने जा रहा है, जिसके चलते अब टू-व्हीलर चलाते समय पीछे बैठने वाले शख्स को हेलमेट पहनना जरूरी होगा।
यदि कोई इस नियम का पालन नहीं करता तो उसका 1035 रुपये का चालान काटा जाएगा साथ ही लाइसेंस 3 महीने के लिए सस्पेंड भी किया जा सकता है। शहर में बढ़ते हादसों को रोकने लिए यह फैसला लिया गया है। केवल आईएसआई मार्क वाले हेलमेट ही पहनने अनिवार्य होंगे।
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