कार के डैशबोर्ड पर ये सिग्नल हैं बड़े काम के..., जानें लें इनका मतलब वरना पड़ेगा पछताना!
Car Dashboard Signals: अकसर कार के डैशबोर्ड पर आपने कई सिग्नल या उसकी ड्राइवर डिस्प्ले पर बने सिंबल ब्लिंक करते देखे होंगे। कई लोग, खासकर नई कार लेने वालों को यह सिग्गल क्या इंडिकेट कर रहे हैं? यह पता नहीं होता है। कई बार इंजन चेक या लो फ्यूल इंडिकेटर सिग्नलों को नजरअंदाज करना आपकी कार की सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
इंजन चेक का निशान आने पर लगातार उसकी अनदेखी करने से इंजन सीज होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में कार के इंजन पार्ट्स पर अधिक दबाव पड़ता है। जिससे कार की मेंटेनेंस पर ज्यादा जेब ढीली हो सकती है। इसके अलावा पेट्रोल कार में आफ्टर मार्केट सीएनजी किट लगवाने पर इंजन चेक का सिग्नल आने की परेशानी रहती है, जिसे मामूली सेटिंग में बदलाव कर हटाया जा सकता है। आइए आपको एक-एक कर बताते हैं कि कार के डैशबोर्ड पर कौन-सा सिग्नल किस बारे में जानकारी देता है।
नीचे लिंक में दी वीडियो को क्लिक कर देखें किस सिग्नल का क्या मतलब होता है?
ये भी पढ़ें: Maruti Suzuki की कारों की कम हो सकती है कीमत, कंपनी ने क्यों की प्रोडक्शन में कटौती?
इंजन चेक लाइट आने पर तुरंत पहुंचे सर्विस सेंटर
कार में इंजन चेक का सिग्नल आने के वैसे तो कई कारण होते हैं। अमूमन कार के इंजन तक पर्याप्त फ्यूल नहीं पहुंचने, इंजन को चलने में अधिक पावर यूज करने या किसी पार्ट्स में आई खराबी के कारण ऐसा हो सकता है। ऐसे में तुरंत अपने मैकेनिक को कार दिखाकर उसकी जांच करवाएं। कई बार इस लाइट की अनदेखी करने पर बाद में सर्विस पर ज्यादा पैसे खर्च हो सकते हैं।
लेन डिपार्चर वार्निंग एक्सीडेंट से बचाती है।
लेन डिपार्चर वार्निंग उन गाड़ियों में होती है, जिसमें सेफ्टी के लिए एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) जैसे फीचर होते हैं। ये फीचर कार के आसपास व्यक्ति, वाहन किसी चीज के आने पर आपको कार के अंदर लगी स्क्रीन पर अलर्ट जारी करता है। इसी तरह कार के सड़क पर चलते हुए अगर आप लेन ड्राइविंग नहीं करते तो ये आपको अलर्ट करेगा। बता दें बार-बार लेन बदलने या ओवरटेक करने से सड़क हादसा होने का खतरा बना रहता है।
अगर आए ये सिग्नल तो तुरंत जाएं नजदीक पेट्रोल पंप
लो-फ्यूल इंडिकेटर से पता चलता है कि आपकी कार में केवल 1 या 2 लीटर (फ्यूल टैंक की क्षमता अनुसार) फ्यूल रह गया है। ऐसे में आपको उसे नजदीक पेट्रोल पंप पर ले जाकर फ्यूल भरवाना लेना चाहिए। दरअसल, कार का फ्यूल टैंक प्राइमरी सेक्शन और रिजर्व सेक्शन दो पार्ट में होता है। जब फ्यूल उस पॉइंट तक कम हो जाए जहां रिजर्व टैंक काम करने लगे, तो लो-फ्यूल इंडिकेटर जल जाता है।
ये भी पढ़ें: नेशनल और स्टेट हाइवे पर स्पीड लिमिट में बदलाव क्यों? अथॉरिटीज ने बताया, क्यों इसकी जरूरत
सीट बेल्ट और हाई स्पीड रिमाइंडर
आजकल कार में सीट बेल्ट रिमाइंडर का सिग्नल आता है। सीट बेल्ट न लगाने पर ये ड्राइवर स्क्रीन पर इसकी जानकारी देता है। इसके अलावा हैंडब्रेक लगाने, हाई स्पीड अलर्ट और एयरबैग समेत कार के अन्य एडवांस फीचरों की जानकारी डैशबोर्ड पर मिलती है।
ये भी पढ़ें: 100 साल बाद खत्म हुआ इस कार कंपनी का सफर, जानें क्या है वजह?