फेल हो जाएगा गाड़ी का इंजन! अगर समय पर नहीं किया ये जरूरी काम
Engine Oil: हम अक्सर आपको अपने लेख में गाड़ियों के रखरखाव के बारे में बताते रहते हैं, ताकि आपकी गाड़ी बढ़िया चले और बीच सफ़र में ब्रेक डाउन का शिकार न होना पड़े। इसलिए एक बार फिर हम आपके कुछ खास टिप्स लेकर आये हैं। हम बात कर रहे हैं इंजन ऑयल के बारे में...अक्सर देखने में आता है कि लोग अपनी गाड़ी में इंजन ऑयल (Engine Oil) को समय पर न तो टॉप-अप करते हैं और ना ही बदलते हैं। अब इसकी वजह से गाड़ी की परफॉरमेंस तो खराब होती ही है साथ ही इंजन को भी भारी नुकसान होता है।
इंजन ऑयल के लगातार इस्तेमाल से इसकी 'ल्यूब्रिकेट' और 'साफ' करने की क्षमता तेजी से कम होती है, जिससे बाद इंजन का सामान्य तरीके से काम करना असंभव हो जाता है। और काफी मामलो में इंजन खुल भी जाता है और फिर तगड़ा नुकसान होता है।
कब बदलें इंजन ऑयल
वैसे तो इंजन ऑयल का बदलना कई बातों पर निर्भर करता ही आम तौर पर इंजन ऑयल को गाड़ी के हर 5,000 से 6,000 किलोमीटर चलने के बाद बदल दिया जाना चाहिए। इसके अलावा हर 3,000 किलोमीटर पर या पहले भी टॉपअप करवा लेना जरूरी होता है। ऐसा करने से न केवल इंजन की लाइफ बढ़ेगी बल्कि परफॉरमेंस में भी लगातर सुधार आएगा।
खुल सकता है इंजन
एक्सपर्ट बताते हैं कि यदि आप समय पर इंजन ऑयल नहीं चेंज नहीं करवाते तो इंजन को काफी नुकसान होने लगता है। फ्यूल की खपत बढ़ने लग जाती जाती है। ओवरहीट की समस्या शुरू हो जाती है। शोर का स्तर बढ़ जाना और कई मामलों में तो इंजन पूरी तरह फेल भी हो सकता है। जिसकी वजह से आपका काफी नुकसान हो सकता है।
ऑटो एक्सपर्ट की राय
हमने ऑटो एक्सपर्ट टूटू से बात कि तो उन्होंने बताया कि किसी भी गाड़ी में समय पर इंजन ऑयल बदला लेना बेहद चाहिए। अगर इंजन ऑयल की मात्रा कम लगे और काला पड़ गया हो तो इंजन ऑयल डलवा लें या टॉप-अप करवा लें। ध्यान देने वाली बात ये भी है कि इस समय बाजार में अलग-अलग इंजन ऑयल आने लगे हैं जो दावा करते हैं कि बढ़िया परफॉरमेंस मिलेगी लेकिन आपको वही इंजन ऑयल इस्तेमाल करना चाहिए जो कंपनी द्वारा Recommend किया गया हो।
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