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Petrol भरवाते हुए इन बातों का रखें ध्यान, वरना पड़ेगा पछताना; कार की सर्विस पर खर्च होंगे हजारों

कुछ पेट्रोल पंप पर फ्यूल चोरी के लिए मशीन की कोडिंग में छेड़छाड़ कर पहले ही नंबर सेट कर दिए जाते हैं। जिससे फ्यूल कम निकलता है। पेट्रोल की शुद्धता उसकी डेंसिटी से चेक करते हैं।
05:47 PM Jul 28, 2024 IST | Amit Kasana
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Petrol pump cheating complaints details in hindi: क्या पेट्रोल पंप पर फ्यूल भरवाने के बाद आपकी कार भी तय किलोमीटर से कम चलती है? क्या आप भी 100, 200 या 500 राउंड फिगर में पेट्रोल भरवाते हैं? अगर हां तो आपके साथ धोखाधड़ी हो रही है। दरअसल, कई पेट्रोल कर्मचारी फ्यूल की चोरी करते हैं।

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क्या होती है फ्यूल डेंसिटी?

दरअसल, Petrol Pump पर तेल भरवाते समय कर्मचारी आपका ध्यान मीटर पर ‘0’ देखने के लिए तो याद दिलाता है। लेकिन ये नहीं बताते की उस समय पंप पर फ्यूल डेंसिटी कितनी है। बता दें फ्यूल की शुद्धता उसकी डेंसिटी से पता चलती है। मिलावटी फ्यूल से आपके वाहन के इंजन पर दबाव पड़ेगा। उसके पार्ट्स जल्दी खराब होंगे और उसके सर्विस पर आने वाला खर्च बढ़ेगा।

कितनी होनी चाहिए फ्यूल डेंसिटी और कैसे चेक करें?

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अनुसार पेट्रोल डेंसिटी की 720-775 Kg/m3 रेंज तय है। जबकि डीजल की डेंसिटी 820-860 Kg/m3 होनी चाहिए। ये पेट्रोल पंप पर हर मशीन पर शो करती है। अगली बार जब कभी आप पेट्रोल या डीजल भरवाएं तो इसे जरूर चेक करें। इसके तय मानक से कम या ज्यादा होने पर संभव है कि पंप वाले फ्यूल में मिलावट कर रहे हों।

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पेट्रोल पंप पर इन बातों का भी रखें ध्यान...

ऐसे होती है मिलावट की जांच

फ्यूल की डेंसिटी चेक करने के लिए उसकी कुछ बूंदें फिल्टर पेपर पर डालें। 2 मिनट में अगर फ्यूल उड़ जाए तो मतलब तेल सही है अगर पेपर पर निशान रह जाए तो उसमें मिलावट है। आप अपने साथ होने वाली किसी धोखाधड़ी का पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के टोल फ्री नंबर 18002333555 पर शिकायत कर सकते हैं।

99 का क्या है चक्कर

कुछ पेट्रोल पंप पर पेट्रोल चोरी के लिए मशीन की कोडिंग में छेड़छाड़ कर पहले ही नंबर सेट कर दिए जाते हैं। जैसे 100, 200, 500 आदि। जब कोई फ्यूल भरवाता है तो उसमें से 10 से 15 फीसदी तक कम फ्यूल निकलता है। इसलिए एक्सपर्ट कहते हैं कि आप odd नंबर जैसे 99 रुपये या 499 रुपये आदि का तेल डलवाएं। पेट्रोल पंप पर एक शिकायत बुक होती है, जिसमें लोग अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। इसके अलावा स्थानीय पुलिस को भी शिकायत की जा सकती है।

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