Bihar News: भागलपुर में NIA की रेड, Pak कनेक्शन आ रहा सामने; लाखों के नोट बरामद
Bihar NIA Raids (अमिताभ ओझा): बिहार के भागलपुर से बड़ी खबर सामने आ रही है। जहां एनआईए की रेड पड़ी है। बताया गया कि आतंकी कनेक्शन के शक में एनआईए की रेड हुई है। सीमा पार से नकली भारतीय नोटों की तस्करी के मामले में बुधवार को एनआईए ने भागलपुर में छापेमारी की। इस दौरान एनआईए ने डेढ़ लाख के नोट और पांच मोबाइल फोन जब्त किए हैं। बताया जाता है कि एनआईए ने यह छापेमारी पटना के बेउर जेल में बंद नजरे सद्दाम नामक जाली नोटों के बड़े तस्कर के ठिकानों पर की है। नजरे सद्दाम का घर भागलपुर के इशाक चक थाना क्षेत्र में है। हालांकि अभी तक किसी गिरफ्तारी की खबर नहीं है। नजरे सद्दाम को 5 सितम्बर 2024 को मोतिहारी पुलिस ने रक्सौल सीमा से गिरफ्तार किया था।
जाली नोटों की तस्करी करता था
बुधवार की सुबह एनआईए की टीम भागलपुर के इशाक चक थाना क्षेत्र स्थित बड़ी मस्जिद के बगल में स्थित एक मकान में पहुंची। सद्दाम इन दिनों पटना के बेउर जेल में बंद है। उसे जाली नोटों के साथ सितम्बर 2024 में मोतिहारी के रक्सौल से गिरफ्तार किया गया था। काफी समय से सुरक्षा एजेंसियों को इसकी तलाश थी।
वह पाकिस्तान और बांग्लादेश से जाली नोटों की तस्करी करता था। बुधवार को भागलपुर पहुंची एनआईए की टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से घर की तलाशी ली। बताया जाता है कि इस दौरान घर से करीब डेढ़ लाख रुपये बरामद हुए हैं। इसके साथ में 5-6 मोबाइल फोन भी मिले हैं। एनआईए की टीम ने करीब पांच घंटे तक छापेमारी की। हालांकि किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है।
2019 में जमानत मिलने के बाद से फरार था
सूत्रों के मुताबिक भागलपुर का रहने वाला सद्दाम काफी लंबे अरसे से जाली नोटों के कारोबार से जुड़ा हुआ है। इस धंधे में उसके साथ असलम अंसारी उर्फ गुलेटन भी था। असलम अंसारी को एनआईए ने 31 जुलाई 2023 को नेपाल सीमा से लगी मोतिहारी जिले से गिरफ्तार किया था।
पूर्वी चंपारण के तत्कालीन एसपी कांतेश कुमार मिश्रा ने बताया था कि असलम अंसारी उर्फ गुलटेन का संबंध पाकिस्तान, दुबई और थाईलैंड समेत कई देशों से है। उस पर आरोप है कि वह पाकिस्तान और मलेशिया में भारतीय जाली नोटों की सप्लाई करता है। वह करीब ढाई साल दिल्ली की जेल में बिता चुका है। साल 2019 में जमानत मिलने के बाद से वह फरार था।
एनआईए सहित कई एजेंसियों को उसकी तलाश थी। असलम अंसारी की गिरफ्तारी के बाद सद्दाम ने पूरी कमान संभाल ली थी। नजरे सद्दाम ज्यादातर विदेशों में ही रहता था। पिछले साल उसकी गिरफ्तारी के लिए कई बार नेपाल सीमा पर जाल बिछाए गए थे लेकिन तीन बार वह चकमा दे गया। चौथी बार सितम्बर महीने में वह पकड़ा गया था।
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