HMPV वायरस को लेकर बिहार में भी अलर्ट, स्वास्थ्य सचिव ने जारी की एडवाइजरी
Bihar Health Secretary Issued Advisory For HMPV Virus: चीन-मलेशिया के बाद भारत के गुजरात राज्य के अहमदाबाद और कर्नाटक के बेंगलुरू में कोरोना जैसे संक्रामक रेस्पिरेटरी वायरस ह्यूमन मेटान्यूरो वायरस (HMPV) के दस्तक देते ही बिहार का हेल्थ डिपार्टमेंट भी सतर्क हो गया। वहीं, स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार सिंह ने सोमवार को जांच, उपचार के साथ-साथ बचाव के बारे में डिटेल्ड एडवाइजरी जारी की है।
हवा में एक्टिव रहता है वायरस
इसके तहत सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (Severe Acute Respiratory Infection) के अस्पताल में भर्ती गंभीर मरीजों के नमूने तत्काल प्रभाव से नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (National Institute of Virology) भिजवाने को कहा है। अगर एचएमपीवी की पुष्टि होती है, तो 2 दिन बाद फिर से बैठक कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। वहीं, हेल्थ सेक्रेटरी ने पत्र में लिखा है कि ठंड के मौसम में रेस्पिरेटरी वायरस ज्यादा देर तक हवा में एक्टिव रहते हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, यह एक रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ा हुआ वायरस है। इसके इंफेक्शन से बचने के लिए कोई स्पेशल एंटी वायरल या वैक्सीन फिलहाल नहीं है। इसलिए इससे बचाव के लिए खूब पानी पीना, आराम करना, दर्द और सांस से जुड़े लक्षण को कम करने के लिए निर्धारित दवा लेना और गंभीर मामलों में ऑक्सीजन की मदद देना है।
स्वास्थ्य सचिव संजय सिंह ने निर्देश दिया है कि सभी हेल्थ केयर इंस्टीट्यूशंस द्वारा इंफ्लूएंजा के समान बीमारी और सिवियर एक्यूट रिसपेरेट्री न्यूमोनिया का सर्विलांस करते हुए आईएचआईपी पोर्टल पर डेली रिपोर्ट करें।
कोविड-19 से जुड़ी दवा, किट, वेटिलेटर, ऑक्सीजन, मास्क आदि की उपलब्ध सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा बढ़ने की स्थिति में सभी अस्पतालों में फ्लू कॉर्नर को एक्टिव करने को कहा है। इसके साथ ही सभी अस्पतालों में इंफेक्शन कंट्रोल एक्टिविटी की इंटेंसिव मॉनिटरिंग करने, अस्पताल में गंभीर रूप से भर्ती के इन मामले के सैंपल को पूणे स्थित नेशनल लैब में भेजकर जांच के लिए कहा है ताकि एचएमपीवी की पुष्टि हो पाए।
HMPV वायरस के लक्षण
विभाग के अनुसार इसके लक्षणों में कफ, बुखार, नाक में इंफेक्शन, सांस में परेशानी, गंभीर स्थिति में ब्रोकांइटिस और न्यूमोनिया शामिल है। यह एक से दूसरे में खांसने के साथ-साथ छींकने से फैलता है। इसके साथ ही संक्रमित को छूने, और संक्रमित वस्तुओं के मुंह, आंख अथवा नाक के संपर्क में आने से फैल सकता है।
कैसे कर सकते हैं बचाव
- हाथों को साबुन एवं पानी से लगातार धोना
- गंदे हाथों से आंखों को टच न करें
- नाक-मुंह को टच न करें
- संक्रमित से दूरी बनाए रखना
- खांसते और छींकते समय मुंह को रूमाल से ढकना
- संक्रमित के संपर्क में आई वस्तुओं को लगातार साफ करें
- संक्रमण के दौरान खुद को घर में ही आइसोलेट करें
- छोटे बच्चे, 60 साल से अधिक उम्र वाले व्यक्ति तथा कमजोर इम्यूनिटी वालों के लिए विशेष एहतियात बरतने का सुझाव दिया है।
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