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कैसे गिरा बिहार के अररिया का पुल? ग्रामीण कार्य विभाग की रिपोर्ट में सामने आया कारण, दोषियों पर हुई कार्रवाई

How Bihar Araria Bridge Collapse?: बिहार के अररिया का पुल आखिर कैसे गिरा और पुल के इस तरह से गिरने के पीछे की असली वजह क्या थी? इन सभी का जवाब सामने आ गया है। दरअसल, बिहार के ग्रामीण कार्य विभाग ने इस मामले की जांच रिपोर्ट जारी की है।
11:58 AM Aug 01, 2024 IST | Pooja Mishra
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How Bihar Araria Bridge Collapse?: बिहार में पिछले दिनों अगल-अगल जगहों पर सरकार द्वारा बनाए गए पुल के गिरने की खबरें और वीडियो सामने आई थी। पुल गिरने की इन घटनाओं ने नीतीश सरकार को कटगहरे में खड़ा कर दिया। हालांकि बिहार सरकार ने इन घटनाओं पर तुरंत एक्शन लिया और ग्रामीण कार्य विभाग को इसकी जांच करने के लिए कहा है। राज्य के ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री अशोक चौधरी ने फैसला किया कि अररिया में पुल गिरने की घटना की जांच विभाग की निगरानी की जाएगी।

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मंत्री अशोक चौधरी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ग्रामीण कार्य विभाग में पारदर्शिता लाने के लिए कुछ बदलाव किए गए हैं। इस बदलाव के तहत राज्य में भ्रष्टाचार को सरकार बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी। मंत्री ने बताया कि पुल निर्माण के लिए 779.64 लाख रुपये का अमाउंट फिक्स किया था, पुल के निर्माण में सिर्फ 650.64 लाख रुपये ही खर्च हुए। निर्माण के बाद गिरने वाले पुल के काम में लापरवाही बरतने के लिए 2 एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और 2 जूनियर इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा पुल निर्माण के काम से जुड़े 2 असिस्टेंट इंजीनियर और 1 जूनियर इंजीनियर को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है, साथ ही उन पर कठोर कार्रवाई की जा रही है।

ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा की गई मामले की जांच रिपोर्ट:-

1. ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल, अररिया अन्तर्गत PMGSY-II के तहत स्वीकृत पुल T05-Nepal Border Jhala Chowk to Jakirparas, Last Border (Construction of HL Bridge at Ch-33.20 KM, Over River Alignment, Length of Bridge-182.65 M), पैकेज संख्या-BR01P2R-49 का भाग 18 जून 2024 को ध्वस्त हो गया।

पुल निर्माण के लिए 779.64 लाख रुपये का अमाउंट फिक्स किया था, लेकिन पुल के निर्माण में सिर्फ 650.64 लाख रुपये ही खर्च हुए। गिरने वाले पुल के काम में लापरवाही बरतने के लिए 2 एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और 2 जूनियर इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा पुल निर्माण के काम से जुड़े 2 असिस्टेंट इंजीनियर और 1 जूनियर इंजीनियर को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है, साथ ही उन पर कठोर कार्रवाई की जा रही है।

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विभाग की तरफ से 4 सदस्यों की जांच टीम का गठन किया गया है। इस टीम ने घटनास्थल से एकत्रित सामग्रियों के नमूनों की जांच NIT पटना और IIT पटना में करवाई। IIT से से मिली शुरुआती जांच रिपोर्ट में निर्माण की गुणवत्ता में कमी दिखाई दे रही है। इस रिपोर्ट के अनुसार विभाग स्तर पर सांगोपांग समीक्षा के बाद निर्णय लिया गया की ध्वस्त हुए पुल की जांच मंत्रिमंडल निगरानी से करवाई जाए।

2. ग्रामीण कार्य विभाग में भारी संख्या में निविदा की जा रही है। निविदा की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शिता एवं मानव हस्तक्षेप रहित बनाये जाने के उद्देश्य से पूर्व मे निर्गत मानक निविदा अभिलेख में निम्नांकित बदलाव किय गये है।

(i) अग्रधन की राशि, परिमाण विपत्र की राशि को ऑनलाइन समर्पित करने की व्यवस्था की गयी है। किसी भी प्रकार निविदा कागजात काहार्ड कॉपी मूल में समर्पित करने के प्रावधान को विलोपित किया गया है।

(ii)निविदाकारों के योग्यता के शर्तों को सरल करने के लिए authority to seck references from the Bidder's bank, Letter of Bid इत्यादि को विलोपित किया गया है।

(iii) ATO (Annual Turnover) के संबंध में वित्तीय वर्ष को स्पष्ट किया गया है ताकि निविदाकारों को भ्रामक स्थिति उत्पन्न न हो।

(iv) Similar Work के Experience का Cutoff date निर्धारित की गई है। उपर्युक्त व्यवस्था से निविदा में पारदर्शिता आयेगी एवं निविदा का निष्पादन त्वरित गति से किया जा सकेगा।

3. विभाग में क्रियान्वित होने वाले सभी योजनाओं का DPR तैयार करने की सभी प्रक्रिया (Transact walk, Topographic Survey, Soil Investigation, Traffic Survey, Design, Drawing, Rate Analysis & Estimation etc.) को Mobile App के माध्यम से किये जाने की व्यवस्था की गयी है। इसमें Geo-tagged Photograph, Videography एवं जाँच प्रतिवेदन का संघारण MIS पर किये जाने की व्यवस्था की गयी है।

4. विभाग में क्रियान्वित सभी योजनाओं का प्रथम स्तरीय निरीक्षण (कनीय अभियंता, सहायक अभियंता कार्यपालक अभियंता, अधीक्षण अभियंता एवं मुख्य अभियंता स्तर के पदाधिकारी) Mobile App के माध्यम से किये जाने की व्यवस्था की गयी है। इसमें Geo-tagged Photograph, Videography एवं जाँच प्रतिवेदन का संधारण MIS पर किये जाने की व्यवस्था की गयी है।

5. विभाग द्वारा 950 तकनीकी पर्यवेक्षक की सेवा, सेवा प्रदत्त ऐजेंसी के माध्यम से ली जा रही है जिसमें से 240 तकनीकी पर्यवेक्षको की सेवा आवश्यक जॉचोपरांत विभिन्न कार्य प्रशाखाओ में की जा रही है शेष तकनीकी पर्यवेक्षको की प्रतिनियुक्ति प्रक्रियाधीन है।

6. बहुत पूर्व से 158 कनीय अभियंताओं से सहायक अभियंता में प्रोन्नत अभियंताओं की पदस्थापन विभिन्न प्रमंडलों में की जा रही है।

7. तीन-चार महीने से लबित निविदाओं का निष्पादन किया जा रहा है।

8. विभाग अंतर्गत सभी पुलों का Health Card (Record of Inspection and Maintenace) तैयार किया जा रहा है।

9. विभाग अंतर्गत ग्रामीण पथों एवं पुलों के अनुरक्षण को सुदृढ करने हेतु मानव हस्तक्षेप रहित आधुनिक तकनीक (Drone, LIDAR) के माध्यम से Real Time अनुश्रवण हेतु अग्रेतर कार्रवाई की जा रही है।

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