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Bihar : जेल से बाहर आए प्रशांत किशोर, इस तरह मिली जमानत

Prashant Kishor News : बिहार में बीपीएससी स्टूडेंट्स का विरोध प्रदर्शन जारी है। इसे लेकर प्रशांत किशोर ने भी छात्रों का समर्थन किया और वे आमरण अनशन पर बैठ गए। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया और गांधी मैदान खाली करा दिया।
07:23 PM Jan 06, 2025 IST | Deepak Pandey
प्रशांत किशोर। (File Photo)
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Prashant Kishor News : बिहार में आज दिनभर प्रशांत किशोर सुर्खियों में बने रहे। बीपीएससी स्टूडेंट्स के सपोर्ट में आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर को पहले गिरफ्तार किया गया और फिर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इसके बाद भी वे नहीं झुके और सशर्त जमानत लेने से इनकार कर दिया। अब प्रशांत किशोर जेल से बाहर आ गए। आइए जानते हैं कि पीके को किस तरह जमानत मिली?

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इस तरह मिली जमानत

जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर अपनी जिद पर अड़े रहे। उनका कहना था कि वे सशर्त जमानत नहीं चाहते हैं। इसके बदले में उन्हें जेल जाना मंजूर है। बेल बॉन्ड नहीं भरने पर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया गया। इसके बाद पटना की एक अदालत ने उन्हें बिना किसी शर्त के जमानत दे दी। बेल मिलने के बाद वे जेल से बाहर आ गए। PK ने कहा कि बैठक की जगह और स्वरूप की घोषणा मंगलवार को की जाएगी।

जेल से बाहर आने के बाद क्या बोले PK?

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प्रशांत किशोर ने कहा कि कोर्ट ने उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए बिना किसी शर्त के बेल दिया है। वे हमेशा कहते हैं कि जन बल के आगे कोई बल नहीं है। ये आश्चर्यजनक है कि जिस प्रशांत किशोर को पुलिस ने हिरासत में लिया, पुलिस के अनुसार उन्हें सशर्त बेल दिया और वे उस बेल को अस्वीकार कर दिए। उन्होंने जेल जाना स्वीकार किया था। पुलिस उन्हें बेउर जेल ले गई, लेकिन वहां नहीं रखा। उनके पास जेल के अंदर रखने के लिए पेपर नहीं था। कोर्ट का जब फाइनल निर्णय आया, उसमें बिना किसी शर्त के बेल मिली है। एक तरीके से उनकी उस बात पर मुहर लग गई है कि गांधी मैदान में बैठकर शांति पूर्ण सत्याग्रह किसी कानून का उल्लंघन नहीं है। उनका अनशन जारी था जारी है और जारी रहेगा।

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बिहार का युवा ही जीतेगा : प्रशांत किशोर

अनशन की जगह को लेकर हुए सवाल पर जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर ने कहा कि मामला तो गांधी मैदान में ही निपटाया जाएगा। शुरुआत गांधी मैदान से हुई है तो ये बिहार के युवाओं की जिद है, नीतीश कुमार की जिद बनाम बिहार के युवाओं की जिद, जीतेगा तो बिहार का युवा ही। यहां के अफसर और नीतीश-भाजपा की सरकार भी जान ले। इस पूरे प्रकरण में मलाई खाने वाले भाजपाई एक शब्द भी नहीं बोले हैं।

5 घंटे तक इधर से उधर घूमाती रही पुलिस

आपको बता दें कि इससे पहले प्रशांत किशोर ने कहा कि पुलिस उन्हें गांधी मैदान से एम्स लेकर गई। वहां तक पुलिस का व्यवहार उनके प्रति एकदम ठीक था। सुबह 5 बजे से 11 बजे तक पुलिस एंबुलेंस में बिठाकर अलग-अलग जगहों पर घुमाती रही और किसी ने नहीं बताया कि उन्हें कहां लेकर जा रहे हैं। 5 घंटे के बाद पुलिस फतुहा के समुदायिक केंद्र में लेकर गई। वहां पर डॉक्टरों से मेडिकल टेस्ट कराकर सर्टिफिकेट लेना चाहते थे, लेकिन इसके लिए उन्होंने डॉक्टरों को इजाजत नहीं दी। वे कोई गैरकानूनी काम नहीं कर रहे थे। पुलिस ने कोशिश की कि वहां के डॉक्टर इनको सर्टिफिकेट दे दें, लेकिन वहां के डॉक्टरों का धन्यवाद करते कि उन्होंने गैरकानूनी सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया।

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प्रशांत किशोर ने सरकार पर भी साधा निशाना

उन्होंने आगे कहा कि उनकी पुलिस से कोई लड़ाई नहीं है। पीके ने कहा कि किसी ने उनके ऊपर हाथ नहीं उठाया। उन्होंने आगे कहा कि गांधी मैदान पर जाना कैसे गलत हो सकता है? अगर सत्याग्रह करना गलत है तो उन्हें ये मंजूर है। सशर्त जमानत लेना स्टूडेंट्स के साथ धोखा होगा। लाठी चलाने वाली सरकार को उखाड़ना है।

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Bihar Newsprashant kishor
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