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बिहार में JDU को हराने वाले शंकर सिंह कौन? निर्दलीय की टिकट पर जीते रुपौली उपचुनाव

Rupauli Assembly By-Election 2024: बिहार की रुपौली विधानसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने बड़ा उलटफेर करते हुए जीत हासिल की है। रुपौली के रण में उन्होंने जेडीयू और आरजेडी को शिकस्त देकर जीत हासिल की है। बाहुबली शंकर सिंह दूसरी बार विधायक बने हैं। जीत के बाद उनकी प्रतिक्रिया सामने आई है।
02:49 PM Jul 13, 2024 IST | Parmod chaudhary
Shankar Singh
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Bahubali Shankar Singh: बिहार की रुपौली विधानसभा सीट पर बाहुबली शंकर सिंह ने जीत हासिल की है। 19 साल बाद शंकर सिंह दोबारा विधायक बने हैं। उन्होंने बाहुबली अवधेश मंडल की पत्नी बीमा भारती और जेडीयू की टिकट पर मैदान में उतरे कलाधर मंडल को हराया है। रुपौली ने सीधे तौर पर सीएम नीतीश कुमार और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को शिकस्त दी है।

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एलजेपी के टिकट पर बने थे विधायक

शंकर सिंह पहली बार 2005 में चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (लोक जनशक्ति पार्टी) की टिकट पर जीते थे। तब एलजेपी में फूट नहीं हुई थी। वहीं, एक बार फिर अब शंकर सिंह ने आरजेडी, एनडीए को शिकस्त देकर जीते हैं। इस बार चिराग के टिकट नहीं देने पर उन्होंने बगावत कर दी थी। जिसके बाद निर्दलीय लड़े और जीतकर बता दिया कि उनका टिकट मांगने का फैसला सही था।

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आरजेडी की अगुआई में महागठबंधन और जेडीयू की अगुआई में एनडीए दोनों की रणनीति नहीं चल पाई। उन्होंने अच्छे अंतर से कलाधर मंडल को हराया। वहीं, 5 बार रुपौली से जीतने वालीं बीमा भारती को तीसरे नंबर पर संतोष करना पड़ा। बीमा भारती को पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव का भी सपोर्ट था, लेकिन वे वोट ट्रांसफर करवाने में कामयाब नहीं हुए।

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शंकर सिंह अपने इलाके में काफी लोकप्रिय माने जाते हैं। बीमा के पति अवधेश भी बाहुबली है, दोनों के बीच छत्तीस का आंकड़ा माना जाता है। शंकर सिंह के बारे में कहा जाता है कि वे लिबरेशन आर्मा के नाम का गिरोह चलाते हैं। फरवरी 2005 में पहली बार रुपौली से जीत हासिल की। शंकर सिंह राजपूत हैं, जिनकी गंगौता समाज से आने वाले बीमा भारती के पति अवधेश मंडल से कई बार ठन चुकी है। दोनों के वर्चस्व की जंग में काफी लोग मारे जा चुके हैं। शंकर सिंह को सुशांत सिंह राजपूत के गांव मलडीहा से भी अच्छे अंतर से जीत मिली है। शंकर सिंह ने ऐलान किया था कि वे अगर चुनाव जीते तो इस गांव पर फोकस करेंगे। उन्होंने कहा था कि सुशांत सभी वर्गों में लोकप्रिय थे। उनकी प्रतिमा को इस गांव में जरूर लगवाएंगे।

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