'दिल्ली में पूर्वांचल को लेकर भ्रमित करने का प्रयास', बिहार चुनाव में नीतीश के नेतृत्व पर सम्राट चौधरी की आई प्रतिक्रिया
Bihar Assembly Elections : बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होंगे। इससे पहले सवाल उठ रहे हैं कि एनडीए गठबंधन सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ेगा या नहीं? इसे लेकर बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने बयान दिया। साथ ही उन्होंने आम आदमी पार्टी पर भी जमकर निशाना साधा।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि एनडीए गठबंधन में बिहार चुनाव को लेकर कोई भ्रम नहीं है। बिहार में सीएम नीतीश कुमार ही नेता हैं और आगे भी रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरों पर ही एनडीए गठबंधन विधानसभा चुनाव लड़ेगा।
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दिल्ली में पूर्वांचल को लेकर भ्रमित करने का प्रयास : डिप्टी सीएम
उन्होंने कहा कि कुछ दिनों से दिल्ली में एक वरिष्ठ नेता बार-बार पूर्वांचल को लेकर लोगों को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। दिल्ली की जनता स्पष्ट तौर पर जानती है कि दिल्ली की भलाई के लिए कौन काम कर रहा है और कौन नहीं कर रहा है। दिल्ली जैसे प्रदेश में जहां पानी, नाली और सड़क की दिक्कत हो, उन समस्याओं पर दिल्ली के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कुछ नहीं बोल रहे हैं।
लोगों को सावधान रहने की जरूरत : सम्राट चौधरी
बिहार के डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि जब कोरोना वायरस जैसी महामारी आई तो दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने कहा कि जो बिहार और यूपी के लोग वो बिहार-यूपी चले जाएं और आज ये लोग पूर्वांचल के मुद्दे को रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। मैं आज दिल्ली में रह रहे पूर्वांचल के लोगों से आग्रह करने आया हूं कि इन लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। मैं सभी लोगों से अपील करूंगा कि 2025 के चुनाव में पूर्ण रूप से दिल्ली में बैठी सरकार को जवाब देने का काम करें।
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'बिहार के विकास में केंद्र सरकार का भी मिल रहा सहयोग'
सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार और उत्तर प्रदेश के विकास के लिए लगातार जेपी नड्डा का सहयोग देश को मिल रहा है। दिल्ली के नेता को इसकी ज्यादा चिंता है कि बांग्लादेशी को कैसे स्थापित करें। पूर्वांचल के लोगों को पता है कि कोरोना जैसे विपत्ति के समय में कैसे केजरीवाल की सरकार ने भगाने का काम किया था। बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों को एहसास है कि कैसे बसों और ट्रेनों में भर-भर वापस लौटना पड़ा था।