छोटी उम्र में सांसद बनीं बिहार की शांभवी चौधरी कौन? जिसे PM मोदी बता चुके अपनी ‘बेटी’
Shambhavi Choudhary Youngest MP: बिहार की समस्तीपुर लोकसभा सीट से एलजेपी के टिकट पर जीतीं शांभवी चौधरी इस बार की सबसे युवा सांसद हैं। 25 साल की उम्र में ही उनको लोकसभा जाने का गौरव हासिल हुआ है। लोकसभा में इस बार चिराग पासवान की पार्टी 5 सीटों पर लड़ी थी। पांचों ही सीटों पर जीत मिली। समस्तीपुर सीट से शांभवी ने कांग्रेस के सन्नी हजारी को बड़े अंतर से शिकस्त दी। यही नहीं, शांभवी के लिए प्रचार करने खुद पीएम मोदी पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने शांभवी को अपनी बेटी बताया था। शांभवी ने 1 लाख 87 हजार 537 वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी को मात दी है। उनको उम्मीदवार बनाए जाने के बाद यह सीट काफी हॉट मानी जा रही थी। एनडीए के वर्करों से लेकर आम लोग भी उनकी जीत को सुनिश्चित मान रहे थे। वे लोगों में काफी चर्चित रहीं।
पासी जाति से आती हैं शांभवी
मतदाता भी उनकी मिलनसार छवि से काफी प्रभावित दिखे। शांभवी ने रिजर्व सीट से जीत हासिल कर सबसे कम उम्र में संसद पहुंचने का गौरव हासिल किया है। जिस दिन (4 जून) उनका नतीजा घोषित हुआ, उस दिन वे 25 साल, 11 महीने और 20 दिन की हो चुकी थीं। शांभी पासी जाति से आती हैं। वे अब तक की सबसे कम उम्र की दलित सांसद हैं।
इससे पहले बिहार में सबसे कम उम्र में सांसद बनने के रिकॉर्ड लालू यादव के नाम है। जो 29 साल की उम्र में संसद पहुंचे थे। 1977 में उन्होंने सारण से चुनाव जीता था। अब तक ओडिशा की चंद्राणी मुर्मू के नाम सबसे कम उम्र में सांसद बनने का रिकॉर्ड है। 2019 में वे 25 साल, 11 माह और 9 दिन की आयु में संसद पहुंची थीं। शांभवी ने नतीजों के बाद कहा कि उनकी जीत जनता की है। उन्होंने एनडीए नेताओं और चिराग पासवान का भी आभार जताया।
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शांभवी जेडीयू नेता और बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी की बेटी हैं। उनके दादा महावीर चौधरी भी बड़े नेता रह चुके हैं। शांभवी ने पूर्व आईपीएस और पटना स्थित महावीर मंदिर न्यास के सचिव किशोर कुणाल के बेटे सायण कुणाल से विवाह रचाया है। शांभवी के पति भूमिहार हैं, जिसका फायदा समस्तीपुर में मिला। शांभवी को दलित और सवर्ण समाज ने काफी वोट दिए।