तिरुपति लड्डू विवाद की पटना में एंट्री, 'नैवेद्यम' पर उठे सवाल, मंदिर प्रशासन ने तोड़ी चुप्पी
सौरव कुमार, पटना
Naivedyam Laddu Patna: आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू में मिलावट के मामले ने तूल पकड़ा हुआ है। लैब रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इसे बनाने में इस्तेमाल होने वाले घी में गाय की चर्बी और मछली का तेल मिलाया जाता है। आंध्र प्रदेश सरकार इस मामले पर घिरी हुई है। केंद्र ने इस मामले पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। साथ ही फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) से जांच कराने की बात कही है। दूसरी ओर ये मामला हाईकोर्ट भी पहुंच गया है।
महावीर मंदिर में लगता है नैवेद्यम का भोग
इस बीच विवाद की एंट्री पटना में हो गई है। दरअसल, यहां के महावीर मंदिर में भी तिरुपति की तरह नैवेद्यम के नाम से लड्डू की बिक्री प्रसाद के रूप में होती है। जिसका घी कर्नाटक से आता है। यही वजह है कि महावीर मंदिर के लड्डू प्रसाद पर भी सवाल उठ रहे हैं। इन सवालों के बीच मंदिर संचालक आचार्य किशोर कुणाल ने सफाई दी है।
तिरुपति के लड्डू से नहीं कोई संबंध
उन्होंने कहा है कि हमारे मंदिर में मिलने वाले लड्डू का कोई संबंध तिरुपति मंदिर से नहीं है। उनका कहना है कि कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के नंदिनी घी में इसे बनाया जाता है। उन्होंने कहा कि तिरुपति मंदिर के लड्डू में मिलावट की मुख्य वजह नंदनी घी है। इस घी का इस्तेमाल वहां सालों से होता आया है, लेकिन अब इसे यूज नहीं किया जाता।
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लड्डू के स्वाद में बदलाव
दरअसल, कर्नाटक सरकार के तहत मंदिर कमेटी ने नंदनी घी के दाम में बढ़ोतरी के कारण दूसरे घी का प्रयोग करने का फैसला लिया था। आचार्य कुणाल किशोर के अनुसार, यही वजह है कि तिरुपति के लड्डू के स्वाद में भी बदलाव की खबर मिल रही थी। कुणाल ने कहा- हम आज भी 10 रुपये ज्यादा दाम पर घी खरीद रहे हैं। यहां के लड्डू पहले के तरह ही शुद्ध हैं। इसमें किसी तरह की शक-शंका नहीं है।
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दूसरा सबसे ज्यादा बिकने वाला प्रसाद
बता दें कि तिरुपति के बाद देश का सबसे ज्यादा बिकने वाला प्रसाद पटना में बिकता है। यहां के प्रसाद को सबसे शुद्ध प्रसाद का प्रमाण भी मिला हुआ है। लोग इसे भगवान को अर्पित करने के बाद मिठाई के रूप में भी घर में रखते हैं।
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