whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

12 वीं FAIL की ये पांच बातें आपको कर सकती हैं पास, OTT पर देखें IPS का असली स्ट्रगल

12th fail: मनोज शर्मा के रोल में विक्रांत मैसी की एक्टिंग दर्शकों को इमोशनल होने के साथ-साथ मोटिवेट भी करती है। आईपीएस अधिकारी की जर्नी पर आधारित ये फिल्म आपने नहीं देखी है तो आपको जरूर देखनी चाहिए।
02:14 PM Dec 30, 2023 IST | News24 हिंदी
12 वीं fail की ये पांच बातें आपको कर सकती हैं पास  ott पर देखें ips का असली स्ट्रगल
IMAGE CREDIT-NEWS 24

शुभ्रांगी गोयल, नई दिल्ली

Advertisement

12th fail: कहते हैं मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती, इस बात का असली अंदाजा आपको विधु विनोद चोपड़ा के निर्देशन में बनी फिल्म '12वीं फेल' को देखकर हो सकता है। 12 वीं फेल की कहानी आईपीएस अधिकारी मनोज शर्मा की जिंदगी पर आधारित है। विक्रांत मैसी (Vikrant Massey) की एक्टिंग ने इस इमोशनल कहानी में जान डाल दी है।  ये फिल्म 27 अक्टूबर को सिनेमाघर  में रिलीज हो गई थी,अगर आपने ये फिल्म अभी तक नहीं देखी है तो आप इसे घर बैठकर डिज्नी+ हॉटस्टार पर भी देख सकते हैं। दावे के साथ कह सकते हैं कि ये कहानी आपको भी रोने पर मजबूर कर देगी और साथ ही आपको कई चुनौतियों का सामना करके आगे बढ़ने की सीख देगी। इस फिल्म को देख कई युवा खुद को इससे कनेक्ट भी कर पाते हैं।

हम आपको बताते हैं इस फिल्म से जुड़ी खास बातें जो इसे देखने के लिए प्रेरित करती है। अगर आप अपनी जिंदगी की किसी परीक्षा में फेल हो गए हैं और हताश होकर घर बैठ गए हैं तब तो आपको ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए क्योंकि ये आपको बताएगी हारकर संभलना किसे कहते हैं। हो सकता है आप भी इस फिल्म को देखने के बाद आईएएस की तैयारी करने लगें।

Advertisement

आसपास के लोगों से ले प्रेरणा

दरअसल ये कहानी है चंबल के रहने वाले मनोज की जो बेहद गरीब परिवार से हैं और उनके पिता की ईमानदार होने की वजह से नौकरी चली जाती है। दूसरी तरफ उस साल मनोज के स्कूल में कोई पुलिस अफसर आ जाता है जिस वजह से वो चीटिंग नहीं कर पाते और 12 वीं में फेल हो जाते हैं, इसके बाद मनोज अगले साल कड़ी मेहनत करते हैं और परीक्षा में पास हो जाते हैं। पुलिस अफसर का आना उनकी जिंदगी को बदलने जैसा है, यहीं से उनका असली सफर शुरू होता है और उन्हें लगता है उन्हें भी पुलिस अफसर की तरह बनना है और बस फिर क्या मनोज 12 वीं पास करके आईएएस बनने के लिए दिल्ली के मुखर्जी नगर पहुंच जाते हैं। इसमें सबसे दिलचस्प बात ये है कि जिस मनोज को आईएएस का मतलब नहीं पता होता तो ऐसे में वो आईएएस और आईपीएस कैसा बनेगा? यहां विधु विनोद चोपड़ा बताने की कोशिश कर रहे हैं कि अगर आपको जिंदगी में कुछ करना है तो आप अपने आसपास के लोगों से भी सीख सकते हैं, ये आपके ऊपर है आपको किससे कितना मोटिवेट होना है।

Advertisement

मेहनत से करें दोस्ती

जब मनोज मुखर्जी नगर पहुंच जाते हैं तो उनके पास कोचिंग टीचर को देने के लिए पैसे नहीं होते तो वो वहां की लाइब्रेरी में धूल साफ करते हैं और कभी चाय बेचकर पैसे कमाते हैं। दिन भर इतनी मेहनत करने के बाद भी मनोज की आंखों में थकान की जगह सपनों को पूरा करने की ललक दिखाई देती है और वो रात भर लाइब्रेरी में बैठकर ही पढ़ाई करते हैं।

प्यार ने बढ़ाया हौसला

पढ़ाई के दौरान मनोज शर्मा को अल्मोड़ा की श्रद्धा जोशी से प्यार हो जाता है और मेधा शंकर ने श्रद्धा का किरदार निभाया है। अब मनोज की जिंदगी में ऐसा मोड़ आया जब वो तीन बार पेपर देने के बाद फेल हो जाते हैं और श्रद्धा का पीसीएस निकल जाता है। श्रद्धा की खुशी देख मनोज खुश तो होते हैं लेकिन कहीं न कहीं वो खुद से टूट जाते हैं और एक बार फिर मनोज कोचिंग सेंटर से दूर 15 घंटे चक्की में आटा पीसते हैं । इस बीच श्रद्धा वहां पहुंचती हैं और चक्की पीसते हुए मनोज की थकी हुई आवाज दर्शकों को अंदर तक झकझोर देगी। श्रद्धा ने यहां सच्ची गर्लफ्रेंड का किरदार निभाया है जो मनोज को आगे पढ़ने के लिए मोटिवेट करती हैं। और मनोज भी श्रद्धा के साथ से सही डायरेक्शन की ओर बढ़ते हैं।

ये भी पढ़ें-क्‍या आपने देखा है ‘सजनी शिंदे का Viral Video’? नहीं तो आज ही देख लीज‍िए

जुनून को बनाएं पेशा

अनंत विजय ने फिल्म में विक्रांत के दोस्त का किरदार निभाया है, वो एक ऐसे बेटे का किरदार निभाते हैं, जो अपने पापा के दबाव में आईएएस की तैयारी करने आ जाते हैं, लेकिन हर परीक्षा में फेल हो जाते हैं और फिर हिम्मत करके कोचिंग छोड़ देते हैं और अपनी अंदर की आवाज को सुनते हैं और वहीं करते हैं जो उन्हें पसंद है।

ईमानदारी न छोड़े

प्रीलिम्स और मेन क्लीयर करने के बाद मनोज इंटरव्यू बोर्ड के मेंबर्स के सामने बिना डरे पूरी ईमानदारी से 12 वीं में स्टूडेंट्स की चीटिंग करने वाली बात बोल देते हैं। आईपीएस बनने से कुछ ही मील दूर मनोज यहां अपने इस जवाब से रिजेक्ट भी हो सकते थे, लेकिन रिजेक्शन के डर को छोड़ उन्होंने ईमानदारी की राह को आगे रखा और एक आईपीएस अधिकारी बनकर उन्होंने लोगों के लिए ईमानदारी की एक बेहतरीन मिसाल पेश की।

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो