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Year Ender 2024: इस साल हमने खोये कारोबारी जगत के कुछ अनमोल 'रतन'

Titans We Lost in 2024: इस साल कारोबार और आर्थिक जगत से जुड़ी कुछ हस्तियां दुनिया से रुखसत हो गईं। इसमें सबके चहेते रतन टाटा भी शामिल हैं, उनके योगदान को देश हमेशा याद रखेगा।
10:22 AM Dec 26, 2024 IST | News24 हिंदी
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2024 Business Losses: साल 2024 कारोबार के लिहाज से अच्छा रहा, लेकिन कारोबारी दुनिया के कुछ अनमोल मोतियों को हमसे दूर ले गया। इस साल कुछ ऐसी दिग्गज हस्तियों ने दुनिया को अलविदा कहा, जिनके न होने की खबर ने आम आदमी की आंखों को भी नम कर दिया। 2024 जहां अपनी उपलब्धियों के लिए याद किया जाएगा, वहीं कारोबारी और आर्थिक जगत के कुछ 'टाइटन्स' को हमसे दूर करने के लिए भी उसका जिक्र होगा।

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Ratan Tata

'खास' से लेकर 'आम' तक सबके चहेते रहे रतन टाटा अक्टूबर 2024 में दुनिया से रुखसत हो गए। उनके निधन की खबर ने पूरे देश की आंखें नाम कर दीं। रतन टाटा ने जहां 'टाटा समूह' के जरिये देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, वहीं अपने सामाजिक कार्यों से समाज के साथ जुड़ाव कायम किया। जब रतन टाटा ने 'टाटा ग्रुप' की कमान संभाली, तब इसका सालाना कारोबार 4 अरब डॉलर था। जब उन्होंने 2012 में कंपनी से रिटायरमेंट लिया, तब वह कंपनी को करीब 100 अरब डॉलर के मुकाम तक पहुंचा चुके थे। आज यह आंकड़ा 400 अरब डॉलर से अधिक हो चुका है। रतन टाटा के कार्यकाल में समूह ने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं। टाटा स्टील ने 2027 में ब्रिटिश कंपनी कोरस का अधिग्रहण किया, जिससे यह दुनिया की सबसे बड़ी स्टील निर्माता कंपनियों में शुमार हो गई। 2008 में जगुआर और लैंड रोवर के अधिग्रहण ने टाटा मोटर्स को ऑटोमोबाइल सेक्टर की प्रमुख खिलाड़ी के तौर पर पेश किया। टाटा नैनो भी रतन टाटा के कार्यकाल में ही आई थी।

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Narayanan Vaghul

बैंकिंग सेक्टर के दिग्गज नाम नारायणन वाघुल ने इस साल मई में दुनिया को अलविदा कह दिया। आईसीआईसीआई ग्रुप की नींव रखने वाले वाघुल को उनके योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, रेटिंग कंपनी क्रिसिल लिमिटेड और वेंचर फंड आईसीआईसीआई वेंचर्स की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वाघुल ने भारतीय स्टेट बैंक में एक अधिकारी के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बैंक मैनेजमेंट से उनका नाता जुड़ा। यहां वह टीचिंग पोजीशन से निदेशक के पद तक पहुंचे। 1981 में उन्हें बैंक ऑफ इंडिया का सीएमडी नियुक्त किया गया। वह किसी सरकारी बैंक का CMD बनने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति थे।

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Ramoji Rao

टॉलीवुड इंडस्ट्री को ग्लोबल मैप पर लाने वाले मीडिया टाइकून चेरुकुरी रामोजी राव का इस साल मई में निधन हो गया। साधारण परिवार में जन्मे रामोजी राव ने असाधारण उपलब्धियां हासिल कीं और पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाई। बाहुबली, आरआरआर और अन्य ब्लॉकबस्टर फिल्में, जिन्हें न केवल भारत बल्कि दुनियाभर में पसंद किया गया, उनकी शूटिंग रामोजी फिल्म सिटी में ही हुई थी। रामोजी राव द्वारा स्थापित यह दुनिया के सबसे बड़े फिल्म स्टूडियो में शुमार है। वर्ल्ड क्लास शूटिंग फैसिलिटी के मालिक होने के अलावा, वह एक अनुभवी बिजनेसमैन भी थे. जिन्होंने मीडिया, हॉस्पिटैलिटी, एनबीएफसी और फूड एवं रिटेल सेक्टर में काफी कुछ किया। वह ईनाडु ग्रुप ऑफ कंपनीज के चेयरमैन थे। पद्म विभूषण से सम्मानित रामोजी राव को आंध्र प्रदेश सरकार ने राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी थी।

Bibek Debroy

जाने-माने अर्थशास्त्री, लेखक और प्रधानमंत्री मोदी के प्रमुख आर्थिक सलाहकार रहे बिबेक देबरॉय इस साल नवंबर में दुनिया को अलविदा कह गए। 69 वर्षीय बिबेक देबरॉय को मोदी सरकार में पद्म श्री से नवाजा गया था। देबरॉय PM मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष थे। सितंबर में, उन्होंने पुणे के गोखले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स (GIPE) के कुलपति पद से इस्तीफा दिया था और इसके बाद वह PM के आर्थिक सलाहकार की भूमिका में आये थे। वह नीति आयोग के गठन से लेकर जून 2019 तक इसके पूर्णकालिक सदस्य भी रहे। 2016 में देबरॉय ने उस समिति का नेतृत्व किया जिसने रेल बजट को केंद्रीय बजट में विलय करने की सिफारिश की थी, यह बदलाव 2017-18 में प्रभावी हुआ।

Shashi Ruia

एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का इस साल नवंबर में निधन हुआ था। रुइया फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) से जुड़े हुए थे। इसके अलावा वह इंडो यूएस ज्वाइंट बिजनेस काउंसिल के भी चेयरमैन थे।उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1965 में अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में की। एस्सार ग्रुप की नींव उन्होंने और अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर 1969 में रखी। शुरुआती वर्षों में, एस्सार ने निर्माण और इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स पर ध्यान केंद्रित किया और कई पुल, बांध और बिजली संयंत्र बनाए। बाद में, समूह ने तेल और गैस, ऊर्जा, और अन्य क्षेत्रों में भी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई।

Amiya Kumar Bagchi

एमेरिटस प्रोफेसर, आर्थिक इतिहासकार और इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज कोलकाता (IDSK) के संस्थापक निदेशक, अमिय कुमार बागची का दिसंबर में 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 2005 में, उन्हें भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। बागची ने मास्टर्स के तुरंत बाद प्रेसीडेंसी कॉलेज में बतौर शिक्षक अपने करियर की शुरुआत की थी। 1963 में, उन्हें ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज से पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। प्रोफेसर तपस मजूमदार के साथ, उन्होंने सेंटर फॉर इकोनॉमिक स्टडीज शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसने कई प्रतिभाशाली अर्थशास्त्रियों को जन्म दिया। अमिय कुमार बागची 1974 में कलकत्ता के सामाजिक विज्ञान अध्ययन केंद्र से जुड़े और बाद में आरबीआई के प्रोफेसर और निदेशक भी बने।

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