सीमेंट सेक्टर पर बादशाहत के लिए Adani चलेंगे बड़ा दांव, सामने आई ये खबर
Adani Group Eyes Star Cement: गौतम अडानी (Gautam Adani) सीमेंट सेक्टर पर बादशाहत कायम करना चाहते हैं। पिछले कुछ समय में उन्होंने कई कंपनियों का अधिग्रहण करके इस कारोबार में अपनी स्थिति मजबूत की है। अब खबर है कि अडानी समूह के नेतृत्व वाली कंपनी अंबुजा सीमेंट 'स्टार सीमेंट' का अधिग्रहण कर सकती है। देश के उत्तर पूर्वी इलाके में स्टार सीमेंट की मजबूत उपस्थिति है। इस डील से अंबुजा सीमेंट की कुल उत्पादन क्षमता और दायरे में विस्तार होगा।
ऐसे मिलेगा फायदा
सीमेंट कंपनियों की नजर इस समय असम और उत्तरपूर्व के बाजारों पर हैं। ऐसे में यदि अडानी समूह इस डील को क्रैक करने में सफल रहता है, तो उसे बाकी कंपनियों के मुकाबले एक अतिरिक्त एडवांटेज हासिल हो जाएगी। स्टार सीमेंट उत्तर पूर्वी इलाके में पैठ रखती है। कंपनी की इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा बाजार हिस्सेदारी है। कंपनी की कुल उत्पादन क्षमता 7.7 MTPA है। खबर है कि अडानी समूह ने स्टार सीमेंट को अपना बनाने के लिए कसंल्टेंट भी नियुक्त कर दिया है।
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ये हैं कंपनी के प्रमोटर
सज्जन भजनका और प्रेम कुमार भजनका स्टार सीमेंट के प्रमोटर हैं। कंपनी में सज्जन की हिस्सेदारी 11.85% और प्रेम की 10.20% है। अभी यह साफ नहीं हुआ है कि अडानी समूह किस वैल्यूएशन पर इस कंपनी को अपना बनाएगा। अडानी समूह ने 2022 में अंबुजा सीमेंट और ACC लिमिटेड का अधिग्रहण कर सीमेंट सेक्टर में प्रवेश किया था। तब से अब तक वो कई कंपनियों का अधिग्रहण कर चुका है। हाल ही उसने एक बड़ी कंपनी का अधिग्रहण किया था।
अल्ट्राटेक है नंबर 1
फिलहाल बिड़ला समूह की अल्ट्राटेक सीमेंट देश की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी है और मौजूदा समय में 152.7 MTPA सीमेंट का उत्पादन कर रही है। 2024 की शुरुआत में कंपनी ने केसोराम सीमेंट का अधिग्रहण किया था। वहीं, अडानी समूह इस सेक्टर में दूसरा सबसे बड़ा खिलाड़ी है। पेन्ना सीमेंट के अधिग्रहण से समूह को अपने बाजार को दक्षिण भारत में विस्तार करने में मदद मिली है। अडानी समूह की सीमेंट उत्पादन क्षमता अब 77.4 MTPA (Million Tonnes Per Annum) तक पहुंच गई है, जिसे समूह 2028 तक बढ़ाकर 140 मिलियन टन करना चाहता है।
अभी और होंगे अधिग्रहण!
देश का सीमेंट सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है। इस सेक्टर में फिलहाल दो सबसे बड़े प्लेयर हैं बिड़ला समूह और अडानी ग्रुप। बिड़ला समूह जहां अपनी बादशाहत कायम रखने के लिए अधिग्रहण पर फोकस कर रहा है। वहीं, अडानी समूह इस सेक्टर पर राज करना चाहता है। ऐसे में आने वाले दिनों में और अधिग्रहण भी देखने को मिल सकते हैं। जानकारों का मानना है कि दो दिग्गज घरानों के बीच चल रही इस जंग में छोटी कंपनियों के लिए टिकना बेहद मुश्किल होगा। छोटी कंपनियां अपने स्तर की कंपनियों से मुकाबला कर सकती हैं, लेकिन बिड़ला और अडानी जैसे बड़े प्लेयर्स के सामने टिकना उनके लिए लगभग असंभव है।