'पहले पंखा, फिर बिजली', Adani Group ने लॉन्च किया 'हम करके दिखाते हैं' कैंपेन का नया चैप्टर
Hum Karke Dikhate Hain: अडानी ग्रुप ने अपने 'हम करके दिखाते हैं' कैंपेन के नए चैप्टर की घोषणा की है। समूह का यह कैंपेन पारंपरिक कॉर्पोरेट रणनीति से आगे बढ़कर मानवीय हित से जुड़ीं प्रेरक कहानियों पर केंद्रित है। ये कहानियां लाखों देशवासियों के जीवन पर अडानी समूह के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाती हैं।
अंधेरे गांव की कहानी
समूह ने अपने इस अभियान के तहत एक वीडियो ऐड कैंपेन लॉन्च किया है, जिसका नाम है 'पहले पंखा, फिर बिजली'। समूह ने सोशल मीडिया पर इस कैंपेन का वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में दिखाया गया कि गांव में बिजली नहीं है। वहां रहने वाला एक बच्चा अपने पिता से पूछता है कि बिजली कब आएगी, तो पिता कहता है कि 'पहले पंखा आएगा, फिर बिजली आएगी'।
यह भी पढ़ें - दो कंपनियों के मर्जर से कितनी ताकतवर बन जाएगी Ambuja Cement?
बांट रहे खुशियां
वीडियो में एक ऐसे बच्चे की दिल को छू लेने वाली कहानी दिखाई गई है, जो तमाम मुश्किलों के बावजूद यह विश्वास रखता है कि एक पंखा उसके गांव में बिजली ला सकता है। इसके बाद अडानी ग्रुप पवन चक्की के माध्यम से गांव में बिजली की आपूर्ति करता है। समूह द्वारा वीडियो के अंत में यह संदेश दिया गया है कि वह विकास के साथ-साथ लोगों के जीवन में खुशियां बांट रहा है। इस वीडियो को हैशटैग #HKKDH के साथ विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया गया है।
बदलाव पर केंद्रित
अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के निदेशक प्रणव अडानी ने कैंपेन के बारे में बताते हुए कहा कि यह अभियान वास्तव में अडानी समूह के एसेंस को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि हम केवल बुनियादी ढांचे में सकारात्मक बदलाव के ही वादे नहीं करते, बल्कि आशा, प्रगति और एक उज्ज्वल कल को ध्यान में रखकर आगे बढ़ते हैं। व्यवसाय के साथ मानवीय कहानियों पर जोर देने का हमारा उद्देश्य भावनात्मक संबंधों को मजबूत बनाने और लाखों भारतीयों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के प्रति हमारे समर्पण को रेखांकित करना है।
ह्यूमन-फर्स्ट विश्वास
'पहले पंखा, फिर बिजली' को ओगिल्वी इंडिया ने तैयार किया है। कंपनी के मुख्य सलाहकार पीयूष पांडे का कहना है कि यह उपभोक्ताओं को मिलने वाले महत्वपूर्ण लाभ के बारे में एक मार्मिक फिल्म है। यह अडानी रिन्यूएबल्स की तकनीकी विशेषज्ञता का कोई बड़ा बखान नहीं है, बल्कि अडानी समूह के ह्यूमन-फर्स्ट विश्वास को दर्शाता है।