Investment in Gold: क्या इस त्योहारी सीजन गोल्ड में इन्वेस्ट करना होगा सही ऑप्शन ?
Investment in Gold: भारत में गोल्ड में इन्वेस्टमेंट करना एक आम बात है। खासकर त्योहारी सीजन में लोग फिजिकल गोल्ड के साथ-साथ गोल्ड बॉन्ड में भी निवेश किए जाते हैं। ऐसे में गोल्ड की कीमतों में आई कमी त्योहारी सीजन में इंवेस्टमेंट को कितना प्रभावित कर सकता है।
आज यानी बुधवार 9 अक्टूबर को भारत में गोल्ड प्राइस में 133 रुपये की गिरावट आई है, जिसके बाद सोना 75,028 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है। इसके साथ ही मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) ने 14,488 लॉट के कारोबार के बीच दिसंबर गोल्ड कॉन्टैक्ट में 0.18% की गिरावट दर्ज की है। भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक आंकड़ों में बदलाव के कारण गोल्ड की कीमतों पर वैश्विक स्तर पर प्रभाव पड़ रहा है।
सोने की मांग में बढ़ोतरी
भले ही हाल ही में कीमतों में गिरावट आई है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में सोने में उछाल आया है, जिसका असर त्योहारी सीजन में देखने को मिल सकता है। बता दें कि जुलाई में सरकार ने इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती की थी, जिसके बाद सोने की मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद की गई थी। इससे सोने की कीमत चार महीने के निचले स्तर पर आ गईं। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अध्यक्ष पृथ्वीराज कोठारी ने बताया कि ड्यूटी में में कटौती के बाद उम्मीद थी कि मांग में उछाल आ सकता है। लेकिन त्योहारों से ठीक पहले कीमतों में बढ़ोतरी के कारण मांग में 20% की गिरावट देखने को मिल सकती हैं।
त्योहारी सीजन में सोने की मांग
वैसे तो त्योहारी सीजन में गोल्ड की मांग में तेजी देखने को मिलती है, क्योंकि यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कंज्यूमर है। दशहरा और दिवाली के दौरान सोने की खरीद में तेजी आती है, लेकिन इस साल इसमें बदलाव देखने को मिल सकता है। पीएन गाडगिल एंड संस के सीईओ अमित मोदक का कहना है कि इस बार खरीदार बजट में रहने के लिए हल्के,सस्ते गहनों में इन्वेस्ट कर सकते हैं। पिछले सीजन की बात करें तो सोने की कीमत 25% से अधिक बढ़ी थी, जिससे खरीदारों का बजट बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ था।
यह भी पढ़ें - Gold Silver Price Today: 2000 रुपये सस्ती हुई चांदी, सोने के भी गिरे दाम; जानें गोल्ड-सिल्वर रेट
सोने में निवेश
पृथ्वीराज कोठारी का मानना है कि बाजार की स्थिति को देखते हुए यह करना गलत नहीं होगा कि इस त्योहारी सीजन सोने में निवेश करने के लिए एक रणनीति पर काम करना होगा। इसके साथ ही गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) भी काफी लोकप्रिय हो रहे हैं, जो लिक्विडिटी, ट्रांसपेरेंसी और ग्लोबल प्राइस अलायमेंट देते हैं। ऐसे में यह इन्वेस्टर्स के लिए शॉर्ट और मीडियम टर्म के लिए सही विकल्प हो सकता है।