ट्रेन में ब्रेक जर्नी का क्या है मतलब? कितने किमी पर मिलती है ये सुविधा, पढ़िए रेलवे के नियम
Break Journey: किसी भी ट्रेन में सफर करने के लिए सबसे जरूरी क्या होता है? सबका यही जवाब होगा कि यात्रा के लिए टिकट खरीदना। टिकट कई तरह के होते हैं, जिसके मुताबिक ही आपको ट्रेन में सुविधा मिलती है। आज हम ऐसे टिकट के बारे में बताएंगे जो आपको रास्ते में ही आराम करने के लिए ब्रेक देता है। लंबे सफर के लिए रेलवे ने यात्रियों के लिए ब्रेक जर्नी की सुविधा रखी है। इसमें आप दो दिन तक का ब्रेक ले सकते हैं।
क्या है ब्रेक जर्नी?
कभी कभी ट्रेनों का सफर काफी लंबा होता है, कई सौ किमी का सफर करने वाले लोगों के लिए ब्रेक जर्नी की सुविधा रखी गई है। रेलवे के इस नियम के मुताबिक, यात्री रास्ते में पड़ने वाले स्टेशन पर यात्रा विराम केवल उन एकल यात्रा टिकटों पर दिया जाएगा जो 500 किलोमीटर से अधिक की दूरी के हैं। यानी जो यात्री 500 किमी से ज्यादा लंबा सफर कर रहे हैं उनको ब्रेक जर्नी की सुविधा दी जाएगी।
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कितने दिन का मिलता है ब्रेक
500 किमी की यात्रा पर एक ब्रेक मिलता है, फिर चाहें आपकी यात्रा 1000 किमी की क्यों ना हो इसके लिए भी केवल ही एक ही जर्नी ब्रेक मिलता है। इससे ज्यादा दूरी के टिकटों पर दो यात्रा विराम की अनुमति मिलती है। एक स्टेशन पर यात्रा विराम की अवधि अधिकतम 2 दिन तक होगी, जिसमें ट्रेन के आगमन का दिन और प्रस्थान का दिन शामिल नहीं है।
जर्नी ब्रेक में क्या नहीं होगा शामिल?
जब भी कोई यात्री कनेक्टिंग ट्रेन पकड़ने के लिए रास्ते में किसी स्टेशन पर उतरता है तो इसे यात्रा विराम नहीं माना जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, पुणे से दादर होते हुए जम्मू तवी के लिए सीधी टिकट का धारक अगली सुबह 6.25 बजे मुंबई से रवाना होने वाली बॉम्बे-जम्मू तवी एक्सप्रेस पकड़ने के लिए एक दिन पहले पुणे से बॉम्बे किसी भी ट्रेन से यात्रा करता है, इसे यात्रा विराम नहीं माना जाएगा। आपको बता दें कि राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस आदि जैसी कुछ ट्रेनों के टिकटों पर जर्नी ब्रेक की इजाजत नहीं है।
ब्रेक के लिए जमा करनी होगी टिकट
500 किमी के बाद ब्रेक के लिए जिस भी स्टेशन पर उतरना है, वहां पर यात्रियों को अपनी टिकट जमा करनी होगी। इस दौरान यात्रियों को यात्रा को बीच में रोकने की एक रसीद दी जाएगी। इसके अलावा टिकट की वैधता सफर के दिनों और ब्रेक जर्नी दिनों को जोड़कर देखी जाएगी। टिकट पर दर्ज यात्रा के दिन से टिकट वैध होगा। इसके अलावा यात्री को यात्रा शुरू करने के दिन टिकट पर तारीख के साथ अपने साइन करने होंगे।
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