Budget 2025: 80C की लिमिट बढ़ा सकती है सरकार; जानें कर्मचारियों को कैसे होगा फायदा?
Budget 2025: जल्द ही केंद्र सरकार अपना बजट पेश करेगी, ऐसे में यूनियन बजट 2025 के साथ टैक्स पेयर कई बदलावों की उम्मीद कर रहे हैं। इनमें सबसे अहम प्वॉइंट 80C के तहत मिलने वाली छूट की सीमा बढ़ाना है। आयकर अधिनियम 1961 के तहत पिछले एक दशक से यह 1.5 लाख रुपये पर बनी हुई है। ऐसे में महंगाई और आय में लगातार बढ़ोतरी के बावजूद 80C की सीमा लंबे समय से नहीं बढ़ाई गई है। उम्मीद है कि इस बार सरकार इसको लेकर कुछ अहम फैसला कर सकती है। आइए इसके बारे में जानते हैं।
क्या है सेक्शन 80C?
आयकर अधिनियम की धारा 80C का इस्तेमाल लगभग हर टैक्स पेयर करता है। यह सेक्शन आपको पर्सनल और फैमिली पर किए गए इंवेस्टमेंट और खर्चों पर आपको व्यक्तिगत करदाताओं और हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) को निवेश और खर्चों पर टैक्स पर छूट क्लेम करने देता है। 80C के तहत छूट पुरानी कर व्यवस्था के तहत रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं को मिलती है। नई टैक्स रिजीम के तहत एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की छूट का लाभ उठाया जा सकता है।
कहां करें इन्वेस्टमेंट?
सेक्शन 80C के तहत टैक्स क्लेम करने के लिए, आपको पूरे वित्त वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च) में निवेश या खर्च करना होगा। आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करते समय इन राशियों को संबंधित सेक्शन में रिपोर्ट करना होगा। इसके अलावा निवेश और भुगतान के सर्टिफिकेट और रिसीप्ट को जोड़ना एक सही विकल्प होगा इससे क्लेम मिलने में आसानी होती है।
बता दें कि 80C के तहत आप कई सरकारी निवेश योजनाओं में इन्वेस्ट कर सकते हैं। इस लिस्ट में इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC), एंप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड (EPF), यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP), सुकन्या समृद्धि योजना, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS), पांच वर्षीय टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट, दो बच्चों तक की ट्यूशन फीस, होम लोन का मूलधन, लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम, नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को शामिल किया जा सकता है।
क्या हैं बजट 2025 से उम्मीदें ?
जैसा कि हम बता चुके हैं कि 80C की लिमिट 2014 से नहीं बढ़ी है और 1.5 लाख रुपये पर स्थिर है। ऐसे में टैक्सपेयर और फाइनेंशियल एक्सपर्ट का मानमा है कि मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए इसे बढ़ाए जाने पर विचार किया जाना चाहिए। पीबी फिनटेक के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने कहा कि धारा 80C के तहत PPF और होम लोन जैसे निवेश शामिल हैं, जिससे छूट की सीमा जल्दी खत्म हो जाती है। अगर टर्म इंश्योरेंस को अलग कर छूट की कैटेगरी में रखा जाता है, तो इससे लाइफ इश्योरेंस को बढ़ावा मिलेगा और भारतीय परिवारों को बेहतर सुरक्षा मिलेगी।
अगर बजट 2025 में इस सीमा को बढ़ाया जाता है, तो इससे न केवल करदाताओं को राहत मिलेगी, बल्कि फाइनेंशियल सेविंग प्लान में इंवेस्टमेंट को भी बढ़ावा मिलेगा।