'बेटा, आपके पापा के पैसे वापस करने हैं...', फोन करके करते हैं साइबर फ्रॉड, जानें- कहां दर्ज कराएं शिकायत
Cyber Fraud : इन दिनों साइबर फ्रॉड के मामले काफी बढ़ गए हैं। साइबर फ्रॉड न केवल लोगों के बैंक अकाउंट से रकम निकाल रहे हैं बल्कि डीपफेक और आवाज की नकल करके लोगों से रकम ऐंठ रहे हैं। यही नहीं, काफी लोगों के पास ऐसे फोन आ रहे हैं जो खुद को फोन करने वाले शख्स के पापा का दोस्त बताता है और पैसे वापस करने के लिए कहता है। बाद में वह शख्स बहाना बनाता है कि अकाउंट में ज्यादा रकम चली गई है। बाकी की रकम वापस की दी जाए। यह सब फ्रॉड का तरीका है। ऐसे किसी भी झांसे में न आएं।
पुलिस में दर्ज कराएं शिकायत
- साइबर ठगी होने पर घबराएं बिल्कुल भी नहीं। पुलिस की नजदीकी साइबर सेल में जाकर लिखित रूप से शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
- अगर नजदीक में साइबर सेल नहीं है तो नजदीकी पुलिस स्टेशन जाएं और वहां लिखित रूप से शिकायत दर्ज कराएं। पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह उस शिकायत को साइबर सेल में ट्रांसफर कर दे।
- पुलिस में या साइबर सेल में सुनवाई न होने पर डिस्ट्रिक कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
- अगर स्कैमर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए कॉल की है तो उस प्लेटफॉर्म के हेल्प सेक्शन में जाकर भी कॉल करने वाले शख्स को रिपोर्ट कर सकते हैं और उसकी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
- केंद्र सरकार की वेबसाइट cybercrime.gov.in पर जाकर भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
7 साल तक की सजा
सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट डॉ. अंकित गुप्ता कहते हैं कि साइबर फ्रॉड करने वाले शख्स पर IT Act और IPC के तहत केस दर्ज हो सकता है और उसे 7 साल तक की सजा हो सकती है। शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह फ्रॉड करने वाले शख्स को आईपी ऐड्रेस, लोकेशन या सोशल मीडिया या दूसरे प्लेटफॉर्म पर मौजूद बेसिक जानकारी के आधार पर तलाशे।
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ये हेल्पलाइन हैं भी काम की
- 1930 पर कॉल करें
(यह हेल्पलाइन हफ्ते के सातों दिन 24 घंटे काम करती है। हालांकि कुछ राज्यों में यह सुबह 10 से शाम 6 बजे तक चालू रहती है।) - वेबसाइट cybercrime.gov.in पर जाकर शिकायत दर्ज कराएं।
- X हैंडल (पहले ट्विटर) @Cyberdost पर जाकर भी शिकायत कर सकते हैं।