होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

2 साल में खाने पर खर्च हुआ दोगुना, किचन के बजट में लगी आग, आर्थिक सर्वेक्षण से बड़ा खुलासा

Economic Survey 2024: इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि खराब मौसम के चलते सब्जियों और दालों के उत्पादन पर असर पड़ा। जुलाई 2023 में टमाटर की कीमतों में लगी आग पर आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि मौसमी बदलाव के चलते टमाटर के उत्पादन पर असर पड़ा।
02:37 PM Jul 22, 2024 IST | News24 हिंदी
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पीएम मोदी के तीसरे टर्म का पहला पूर्ण बजट 23 जुलाई को पेश करेंगी।
Advertisement

Economic Survey News: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में इकोनॉमिक सर्वे 2024 पेश किया। वित्तमंत्री ने कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स के हवाले से कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति वित्तीय वर्ष 2022 में 3.8 प्रतिशत थी, जो वित्तीय वर्ष 2023 में बढ़कर 6.6 प्रतिशत हो गई और वित्तीय वर्ष 2024 में यह बढ़कर 7.5 प्रतिशत हो गई है। यानी पिछले दो साल में खाद्य मुद्रास्फीति में 97 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि खाने की चीजों के दाम में इजाफा भयंकर गर्मी, असामान्य मानसून, बेमौसम बारिश, और सूखे चलते हुआ है।

Advertisement

ये भी पढ़ेंः संसद में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और शशि थरूर में जोरदार बहस, तगड़ा जवाब मिला तो मुस्कुराने लगे कांग्रेस नेता

किचन के बजट में लगी आग

खाने की चीजों जैसे कि सब्जियों और दालों की कीमतों में इजाफा उनके उत्पादन पर पड़े असर के चलते हुआ है। इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि खराब मौसम के चलते सब्जियों और दालों के उत्पादन पर असर पड़ा। जुलाई 2023 में टमाटर की कीमतों में लगी आग पर आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि मौसमी बदलाव के चलते टमाटर के उत्पादन पर असर पड़ा। क्षेत्रीय लेवल पर फसलों को नुकसान हुआ है। व्हाइट फ्लाई जैसे कीड़ों ने फसलों को बहुत नुकसान पहुंचाया। वहीं देश के उत्तरी हिस्से में मानसून के जल्दी आने से टमाटर के उत्पादन पर असर पड़ा।

Advertisement

ये भी पढ़ेंः इकोनॉमिक सर्वे क्या होता है? पहली बार कब पेश हुआ था… जानिए इससे जुड़े हर सवाल का जवाब

प्याज की कीमतों में क्यों हुआ इजाफा

प्याज की कीमतों में वृद्धि पर इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि ज्यादा बारिश एक बड़ी वजह रही है। असामान्य और भारी बारिश की वजह से प्याज की रबी की फसल प्रभावित हुई। खरीफ की बुवाई पर असर पड़ा। और फिर सूखा पड़ने की वजह से खरीफ की फसल खराब हुई। इसके अलावा दूसरे देशों द्वारा प्याज के व्यापार पर लिए गए फैसलों की वजह से भी प्यार की कीमतों पर असर पड़ा।

कम हुआ चने की खेती का रकबा

दाल की कीमतों, खासतौर पर तूर की कीमतों में इजाफा बीते दो सालों में कम उत्पादन के चलते हुआ है। उड़द की पैदावार दक्षिणी राज्यों में प्रभावित हुई है। और इसके लिए मौसमी कारण जिम्मेदार हैं। इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि चने की खेती का रकबा कम हुआ है। इस वजह से उत्पादन पर असर पड़ा है।

दूध की कीमतों में इजाफे पर इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि कोरोना के समय कृत्रिम गर्भाधान में आई कमी की वजह से दूध की कीमतों में वृद्धि आई है। सर्वे में कहा गया है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने खाने की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि पर चिंता जाहिर की है। नवंबर 2023 के बाद से भारत में खाद्य मुद्रास्फीति 87 प्रतिशत के आसपास है। और आने वाले दिनों में इसमें कमी आने के आसार बेहद कम हैं।

Open in App
Advertisement
Tags :
Budget 2024economic surveyNirmala SitharamanUnion Budget 2024
Advertisement
Advertisement