खेलवीडियोधर्म
मनोरंजन | मनोरंजन.मूवी रिव्यूभोजपुरीबॉलीवुडटेलीविजनओटीटी
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस

Fixed Deposit कम टाइम की करवानी चाहिए या ज्यादा? जानिए फायदे और नुकसान

Fixed Deposit Tenure: फ्यूटर में पैसों को लेकर कोई परेशानी न हो इसलिए लोग अक्सर फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट करना पसंद करते हैं। लोग इसमें इन्वेस्ट करने की तो सोच लेते हैं पर उनके मन में काफी सवाल रहते हैं उनमें से एक सवाल टाइम पीरियड को लेकर होता है। जानिए फिक्स्ड डिपॉजिट शॉर्ट टर्म वाला होना चाहिए या लॉन्ग टर्म वाला।
04:29 PM Feb 27, 2024 IST | Prerna Joshi
Short Term Vs Long Term Fixed Deposit
Advertisement

Fixed Deposit Tenure: अपनी हर महीने की सैलरी से सेविंग्स करने का एक सही ऑप्शन फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) को चुना जाता है। एक एफडी में इन्वेस्ट करने से पहले कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। इसे चुनते टाइम सबसे पहले सवाल तो यह आता है कि फिक्स्ड डिपॉजिट शॉर्ट टर्म वाला होना चाहिए या लॉन्ग टर्म वाला? दोनों के अपने-अपने फायदे और नुकसान होते हैं जो कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है। यहां जानिए दोनों के फायदे और नुकसान।

Advertisement

शॉर्ट-टर्म फिक्स्ड डिपॉजिट का टाइम जहां कुछ दिन से लेकर लगभग एक साल होता है।

यह भी पढ़ें: FD सही या Gold Purchase Scheme? किसमें इन्वेस्ट करने से है फायदा?

फायदे

Advertisement

1. इनका लॉक-इन पीरियड दूसरे की तुलना में कम होता है। जरूरत पड़ने पर इन्वेस्टर बिना कोई बड़ा जुर्माना लगाए अपने फंड ले सकते हैं।

2. इन्वेस्टर मामूली रिटर्न लेते हुए अपना पैसा इसमें सेफ रख सकते हैं। इसे एक तरीके से वह लोग ज्यादा इस्तेमाल कर सकते हैं जो अपनी बचत के लिए सेफ जगह ढूंढ रहे रहे हैं।

3. यह फिर से इन्वेस्टमेंट करने के ऑप्शन में फ्लेक्सिबिलिटी देता है। इसमें इन्वेस्टर मैच्योरिटी पर अपनी फाइनेंसियल सिचुएशन को फिर से इवैल्युएट कर सकते हैं। इन्वेस्टर यह फैसला भी कर सकते हैं कि एफडी को रिन्यू करना है या इन्वेस्टमेंट के बाकी ऑप्शन ढूंढने हैं।

यह भी पढ़ें: Fixed Deposit पर सबसे ज्यादा ब्याज देने वाले 6 Bank

नुकसान

1. आमतौर पर, शॉर्ट-टर्म फिक्स्ड डिपॉजिट लॉन्ग-टर्म एफडी की तुलना में कम इंटरेस्ट रेट देती हैं। हालांकि रिटर्न रिलेटिवली स्टेबल या स्थिर होते हैं लेकिन वह इन्फ्लेशन से आगे नहीं निकल सकते।

2. कम ब्याज दर या इंटरेस्ट रेट होने के कारण, इस तरह की एफडी ग्रोथ पोटेंशियल सीमित है।

3. चूंकि अल्पकालिक सावधि जमा जल्दी परिपक्व हो जाते हैं, निवेशकों को पुनर्निवेश जोखिम का सामना करना पड़ता है, खासकर अगर परिपक्वता पर ब्याज दरों में गिरावट आती है। पुनर्निवेश पर उन्हें कम दरों पर समझौता करना पड़ सकता है।

वहीं लॉन्ग-टर्म एफडी का टाइम कई सालों तक बढ़ सकता है।

फायदे

1. लॉन्ग-टर्म एफडी आमतौर पर शॉर्ट-टर्म एफडी की तुलना में ज्यादा इंटरेस्ट रेट देती हैं।

2. यह सेवानिवृत्त लोगों (रिटायर्ड) या स्थिर इनकम फ्लो चाहने वालों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

3. फायदेमंद ब्याज दर पर लंबे टाइम की एफडी में इन्वेस्ट करने से इन्वेस्टर्स को आने वाले टाइम में एक्सपेक्टेड रेट्स में कटौती से बचाया जा सकता है। यह डिपॉजिट के टाइम के दौरान घटती ब्याज दरों के विरुद्ध सुरक्षा देता है।

यह भी पढ़ें: Health Insurance क्लेम करते हुए भूलकर भी न करें यह काम, हो सकते हैं Reject

नुकसान

1. इस तरह की एफडी लॉक-इन पीरियड के साथ आती हैं और टाइम से पहले पैसे निकालने के नतीजे में जुर्माना या ब्याज का नुकसान हो सकता है।

2. इसमें पैसे जमा करने से, इन्वेस्टर टेन्योर के दौरान मिलने वाले बाकी इन्वेस्टमेंट के मौकों से संभावित रूप से ज्यादा रिटर्न से चूक सकते हैं।

3. यह एफडी हमेशा महंगाई या इन्फ्लेशन के हिसाब से रिटर्न नहीं दे पाती जिससे रियल रिटर्न में गिरावट आती है।

तो इस तरह शॉर्ट-टर्म एफडी पैसे बचे रहने और लिक्विडिटी को प्राथमिकता देने वालों के लिए सही है। जबकि लॉन्ग-टर्म एफडी कम तरलता की कीमत पर ज्यादा रिटर्न और स्टेबिलिटी देती है।

Advertisement
Tags :
Bank FDBank Fixed Deposits
वेब स्टोरी
Advertisement
Advertisement