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क्या मसालों में होता है 10 गुना कीटनाशक? FSSAI ने बयान जारी कही यह बात

FSSAI Statement on 10 Times More Pesticides in Spices : फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने उन रिपोर्ट्स को गलत बताया है जिनमें कहा गया है कि FSSAI ने मसालों में 10 गुना कीटनाशक मिलाने की अनुमति दी थी। जानें, क्या है यह पूरा मामला:
05:46 PM May 05, 2024 IST | Rajesh Bharti
Spices Row
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FSSAI Statement on 10 Times More Pesticides in Spices : हाल में कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ही मसालों और जड़ी-बूटियों में 10 गुना तक पेस्टिसाइड यानी कीटनाशक मिलाने की अनुमति देती है। इन खबरों के सामने आने के बाद FSSAI ने सफाई दी है। FSSAI ने ऐसी खबरों का खंडन किया है और इन्हें झूठी और बेबुनियाद बताया है।

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भारत के मानक दुनिया में सबसे कड़े

FSSAI ने एक स्टेटमेंट जारी कर कहा कि भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जहां खाने-पीने की चीजों में कीटनाशक की अधिकतम मात्रा (MRL) के सबसे कड़े नियम हैं। खतरे के आकलन के आधार पर खाने-पीने की अलग-अलग चीजों में MRL की मात्रा अलग-अलग तय की गई है।

जानें- किस सामान पर कितनी अनुमति

FSSAI ने कहा कि किसी भी एक कीटनाशक का इस्तेमाल 10 से ज्यादा फसलों में अलग-अलग MRL के साथ किया जा सकता है। इसे ऐसे समझ सकते हैं: कीटनाशक फ्लुबेंडियामाइड (Flubendiamide) का इस्तेमाल बैंगन में 0.1 MRL के साथ किया जाता है। वहीं चना दाल के लिए MRL 1.0 mg/kg, गोभी के लिए 4 mg/kg, टमाटर के लिए 2 mg/kg और चाय के लिए 50 mg/kg है। FSSAI ने बताया कि जिन कीटनाशकों के लिए MRL तय नहीं किए गए हैं, उनके मामले में इसकी सीमा 0.01 mg/kg लागू थी। सिर्फ इस सीमा को 10 फीसदी बढ़ाकर 0.1 mg/kg कर दिया गया है। हालांकि यह सीमा सिर्फ उन्हीं कीटनाशकों के लिए लागू है जो भारत में केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और रजिस्ट्रेशन कमेटी से रजिस्टर्ड नहीं हैं। यह वैज्ञानिक पैनल के आधार पर किया था। FSAAI ने कहा कि वैज्ञानिक आंकड़ों के आधार पर MRL में नियमित रूप से संशोधन होते रहते हैं।

यह भी पढ़ें : एक्शन मोड में FSSAI; सभी मसाला कंपनियों में होगी क्वॉलिटी जांच, MDH-Everest पर उठे थे सवाल

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मसालों को लेकर है विवाद

सिंगापुर और हांगकांग समेत दुनिया के कई देशों में MDH और एवरेस्ट के मसालों को लेकर बवाल मचा हुआ है। इसमें कैंसर के लिए जिम्मेदार कीटनाशक केमिकल एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा तय सीमा से ज्यादा पाई गई थी। इसके बाद इन दोनों देशों ने कुछ मसालों पर बैन लगा दिया था। मसालों में कीटनाशक मिले होने की बात सामने आने के बाद FSSAI पर भी सवाल उठने लगे थे।

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