Lionel Messi और Nike के रिश्ते की इनसाइड स्टोरी, फेविकोल जैसा मजबूत, फिर कैसे टूट गया?
How Nike Lost Messi to Adidas: कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जब वो टूटते हैं तो किसी को विश्वास ही नहीं होता। दिग्गज फुटबॉलर लियोनेल मेस्सी (Lionel Messi) और स्पोर्ट्स ब्रांड नाइकी (Nike) का रिश्ता भी ऐसा ही था। मेस्सी ने जब नाइकी से रिश्ता तोड़ा सभी हैरान रह गए। खुद कंपनी के लिए यह समझना मुश्किल था कि आखिर हुआ क्या है। न लियोनेल मेस्सी कॉन्ट्रैक्ट से नाखुश थे और न ही कंपनी की तरफ से उनकी कॉन्ट्रैक्ट राशि के भुगतान में कोई देरी हुई थी। यह सबकुछ एक गलतफहमी के चलते हुआ। नाइकी से अपने रिश्ते पर फुलस्टॉप लगाकर लियोनेल मेस्सी ने उसकी प्रतियोगी कंपनी एडिडास से करार किया, जो Nike के लिए और भी ज्यादा चुभने वाली बात थी।
2021 में जुड़ा था रिश्ता
मेस्सी और नाइकी के बीच रिश्ते की शुरुआत 2001 में तब हुई जब 14 वर्षीय मेस्सी बार्सिलोना की ला मासिया अकादमी (Barcelona’s La Masia Academy)के एक उभरते खिलाड़ी के रूप में सामने आए. उस समय, नाइकी इस क्लब का आधिकारिक प्रायोजक थी और अन्य सभी खिलाड़ियों की तरह मेस्सी भी इस ब्रांड का इस्तेमाल करते थे। सालों तक दोनों ने एक-दूसरे की कंपनी को खूब एन्जॉय किया। यह माना जाने लगा था कि मेस्सी लाइफटाइम Nike के साथ जुड़े रहेंगे, लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि रिश्ता बिखर गया। 2006 में, स्टार फुटबॉलर ने एडिडास के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर करके सबको चौंका दिया।
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इस तरह टूटा रिश्ता
यह सभी के लिए बेहद चौंकाने वाली खबर थी, क्योंकि मेस्सी और नाइकी सालों से रिश्ता निभाते आ रहे थे। 2022 के वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित एक आर्टिकल में इस रिश्ते के टूटने की वजह के बारे में बताया गया था। दरअसल, मेस्सी के पिता ने नाइकी से कुछ और एथलेटिक गियर मांगे थे, लेकिन कंपनी ने उनके अनुरोध का कोई जवाब नहीं दिया। कंपनी किसी गलतफहमी का शिकार हो गई और अनजाने में इस अनुरोध की अनदेखी कर बैठी। बस इसी बात से मेस्सी और Nike के रिश्तों में दरार आ गई। मेस्सी के स्टारडम से परिचित कंपनी ने शायद उनके पिता के अनुरोध का तुरंत जवाब देना ज़रूरी नहीं समझा। मेस्सी इससे इतना नाराज़ हुए कि उन्होंने कंपनी से रिश्ता तोड़कर एडिडास का हाथ थाम लिया।
अदालत से भी झटका
एक स्टार फुटबॉलर का इस तरह चले जाना नाइकी को भी मंजूर नहीं था। इसलिए उसने मेस्सी पर कॉन्ट्रैक्ट तोड़ने का आरोप लगाते हुए अदालत का रुख किया। हालांकि, अदालत का फैसला मेस्सी के पक्ष में रहा। कोर्ट ने कहा कि कंपनी के पास केवल एक कमिटमेंट लेटर है, जिसे कॉन्ट्रैक्ट पेपर नहीं माना जा सकता। Nike की प्रतियोगी कंपनी एडिडास को मेस्सी के साथ से बहुत फायदा हुआ है। कंपनी खुद को फुटबॉल मार्केट में अच्छे से स्थापित करने में सफल रही। 2017 में, मेस्सी ने एडिडास के साथ लाइफटाइम करार किया, जिससे वह ऐसा करने वाले एकमात्र फुटबॉल खिलाड़ी बन गए।
एडिडास को ऐसे मिला फायदा
मेस्सी के साथ रिश्ता एडिडास के लिए आर्थिक रूप से भी फायदेमंद रहा। एडिडास का बाजार मूल्य 2006 में 10 बिलियन डॉलर (लगभग 80,000 करोड़ रुपए) से बढ़कर हाल के वर्षों में 31.59 बिलियन डॉलर (लगभग 2.53 लाख करोड़ रुपए) हो गया है। मेस्सी की वैश्विक लोकप्रियता ने निस्संदेह इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह घटना Nike के लिए एक सबक की तरह है कि छोटे से छोटे अनुरोध को नज़रंदाज करना भी कितना भारी पड़ सकता है। अगर कंपनी ने मेस्सी के पिता के अनुरोध का तुरंत जवाब दिया होता तो आज दोनों का रिश्ता एक नए मुकाम पर होता।