India GDP : चौथी तिमाही में जीडीपी की रॉकेट सी रफ्तार, 7.8 फीसदी रही ग्रोथ दर, चीन को पीछे छोड़ा
India GDP : आर्थिक मोर्चे पर भारत नए कीर्तिमान गढ़ रहा है। शुक्रवार को नेशनल स्टेटिकल ऑफिस (NSO) ने वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के लिए देश की जीडीपी के आंकड़े जारी किए। इन आंकड़ों के अनुसार देश की ग्रोथ दर रॉकेट जैसी रफ्तार से दौड़ती नजर आई। आंकड़ों के मुताबिक चौथी तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ दर 7.8 फीसदी रही, जो अनुमान से बहुत ज्यादा है। हालांकि पिछली यानी तीसरी तिमाही में जीडीपी की ग्रोथ दर 8.4 फीसदी थी, लेकिन पूरे वित्त वर्ष में ग्रोथ दर काफी तेज रही है।
सारे अनुमान धाराशायी
देश की जीडीपी ने जिस रफ्तार से उड़ान भरी है, उससे सारे अनुमान धाराशायी हो गए। ब्लूमबर्ग के अर्थशास्त्रियों ने देश की चौथी तिमाही के लिए ग्रोथ दर का अनुमान 7 फीसदी लगाया था जबकि यह 7.8 फीसदी रही। वहीं पूरे वित्त वर्ष (2023-24) के लिए भी ब्लूमबर्ग का ग्रोथ दर अनुमान 7.9 फीसदी था, जबकि यह 8.2 फीसदी रही। यही नहीं NSO ने भी अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी ग्रोथ दर 7.7 फीसदी रहने की संभावना जताई थी। देश की जीडीपी जिस रफ्तार से भागी है, उसने सारे अनुमान धाराशायी कर दिए और इनके अनुमान से कहीं ज्यादा जीडीपी ग्रोथ दर रही। चौथी तिमाही में देश की ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) ग्रोथ भी अनुमान से बेहतर रही। ब्लूमबर्ग ने चौथी तिमाही के लिए GVA ग्रोथ दर का अनुमान 6.2 फीसदी जताया था, जबकि यह 6.3 फीसदी रही। GVA में इनडायरेक्ट टैक्स और सब्सिडीज का हिस्सा नहीं होता।
देश की जीडीपी में हुई बढ़ोतरी।
रिजर्व बैंक और इंडिया रेटिंग्स का भी अनुमान गलत
NSO की ओर से जारी डेटा के अनुसार चौथी तिमाही की जीडीपी ने रिजर्व बैंक के अनुसार को भी गलत साबित कर दिया। रिजर्व बैंक ने चौथी तिमाही में अनुमानित ग्रोथ दर 6.9 फीसदी जताई थी। वहीं इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने भी चौथी तिमाही के लिए देश की जीडीपी ग्रोथ दर 6.2 फीसदी और वित्त वर्ष 2023-24 के लिए लगभग 6.9-7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। इनका भी अनुमान गलत साबित हुआ।
चीन को छोड़ा पीछे
देश की चौथी तिमाही की जीडीपी ग्रोथ दर ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। चौथी तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ दर जहां 7.8 फीसदी रही तो वही इसी समयावधि में चीन की जीडीपी ग्रोथ दर मात्र 5.3 फीसदी रही। पिछले वित्त वर्ष यानी 2022-23 में देश की जीडीपी ग्रोथ दर 5 फीसदी थी।
राजकोषीय घाटे में आई कमी
देश की न केवल ग्रोथ दर बढ़ी है बल्कि राजकोषीय घाटे में भी कमी आई है। वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार का राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.63 फीसदी रह। यह केंद्रीय बजट में जताए गए 5.8 फीसदी के अनुमान से कुछ कम है। महालेखा नियंत्रक के आंकड़ों के अनुसार, सरकार राजस्व संग्रह के लक्ष्य को हासिल करने में कामयाब रही है। शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 2023-24 में 23.36 लाख करोड़ रुपए जबकि व्यय 44.42 लाख करोड़ रुपये रहा।