Indian Railway: ट्रेन में Upper Berth या लोअर बर्थ पर क्या कहता है रेलवे का नियम
Indian Railway: ट्रेन में सफर करने वाले यात्री यात्रा के दौरान अक्सर परेशान दिखते हैं। कई यात्रियों को यात्रा से जुड़े अपने अधिकारों के बारे में पता नहीं होता है। इन यात्रियों में ज्यादातर वह यात्री होते हैं जिनको अपर, या मिडिल बर्थ मिली होती है। यात्रियों को पता होना चाहिए कि दिन में सफर के दौरान अपर बर्थ वाले यात्री लोअर बर्थ पर बैठ सकते हैं। इस बात पर कई बार यात्रियों में झगड़ा भी होता है। आज आपको इसी नियम के बारे में बताएंगे।
अपर बर्थ और लोअर बर्थ के यात्री में झगड़ा
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक शख्स ने अपनी यात्रा से जुड़ा पोस्ट शेयर किया। जिसमें उसने लिखा कि 'रेल यात्रा के दौरान 2AC में दो सहयात्री आपस में झगड़ा कर रहे थे। उनके झगड़े की वजह अपर बर्थ और लोअर बर्थ। पर बर्थ वाला अधेड़ उम्र का यात्री नीचे वाली बर्थ पर आकर बैठ गया था और बार-बार कहने पर भी ऊपर अपनी बर्थ पर नहीं जा रहा था। उसका कहना था कि दिन के समय नीचे वाली बर्थ पर बैठ कर यात्रा करना उसका अधिकार है। अब सवाल ये उठता है कि इसको लेकर रेलवे का क्या नियम है?
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बर्थ पर क्या है रेलवे का नियम?
रेलवे के नियम को देखें तो उसमें कहा गया है कि दिन में साइड लोअर बर्थ पर यात्रा करने वाले को साइड अपर बर्थ के यात्री को लोअर बर्थ पर बैठने की जगह देनी होगी। अगर लोअर बर्थ पर RAC वाले दो यात्री सफर कर रहे हैं, तो रूल कहता है कि अपर बर्थ वाले यात्री को नीचे वाली बर्थ पर बैठने के लिए जगह देनी होगी। ये रूल सुबह 6 बडे से रा 10 बजे तक लागू होता है। आपको बता दें कि रेलवे ने ट्रेन की लोअर बर्थ को दिव्यांग या फिजिकली डिसेबल्ड लोगों के लिए रिजर्व रखा है। अगर कोई फिजिकली डिसेबल्ड यात्री टिकट बुक करता है तो उसको लोअर बर्थ ही मिलेगी।
अगर जगह न मिले तो क्या करें?
यात्रा के दौरान इस तरह के कई मामले देखने को मिलते हैं, जिसमें अपर बर्थ के यात्री को नीचे बैठने की इजाजत नहीं दी जाती है। ऐसे में अपर बर्थ वाला यात्री टीटीई से अपनी समस्या बता सकता है। टीटीई रेलवे पुलिस के साथ मिलकर आपकी मदद कर सकता है।
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