भारत में कितनी लोकल ट्रेनें, EMU, DEMU और MEMU एक दूसरे से अलग कैसे?
Indian Railways Trains Typs: भारत में सबसे बड़ा यातायात का साधन ट्रेन है। इनका नेटवर्क कापी लंबा है, जिसकी वजह से जनता इसमें सफर करना पसंद करती है। ट्रेनों में आपने एसी कोच, स्लीपर और जनरल कोच के नाम तो सुने होंगे, लेकिन क्या आपने EMU, DEMU और MEMU ट्रेनों के बारे में सुना है? इनका संचालन जरूरत के हिसाब से किया जाता है। आज आपको बताएंगे कि यह ट्रेनें एक दूसरे से अलग कैसे हैं और आप इनमें से किस ट्रेन का सफर करते हैं?
EMU ट्रेन क्या होती है?
EMU यानी Electric Multiple Unit का इस्तेमाल बड़े शहरों में किया जाता है। इनका संचालन मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई में सबसे ज्यादा किया जाता है। EMU ट्रेन में तीन तरह की कार होती हैं, जिसमें पहली ड्राइविंग कार, दूसरी मोटर या पावर कार और तीसरी ट्रेलर कार होती है। ड्राइविंग कार ट्रेन के दोनों तरफ सबसे आगे बनी होती है। इसी में बैठकर लोको-पायलट ट्रेन को चलाते हैं। पावर कार की बात करें तो यह तीन कोच के बाद लगी होती है। इसमें ट्रेक्शन मोटर होती है। वहीं ट्रेलर कार केवल यात्रियों के लिए होती है। इन ट्रेनों की स्पीड 60 से 100 किलोमीटर तक हो सकती है।
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MEMU ट्रेन क्या होती है?
MEMU (Main Electric Multiple Unit) ट्रेनें EMU से थोड़ी अलग और एडवांस होती हैं। इसके अलावा यह उससे ज्यादा पावरफुल भी होती हैं। MEMU ट्रेनों की स्पीड नॉर्मल से काफी ज्यादा होती है। यह आमतौर पर 200 से ज्यादा किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है। इस ट्रेन की सबसे अजीब बात यह होती है कि इसमें टॉयलेट नहीं होते। मेमू ट्रेनों में पावर कार हर 4 कोच के बाद होती है। थोड़े बदलाव के साथ मेमू ट्रेनें लगभग EMU ट्रेनों के जैसे ही डिजाइन की गई हैं।
डीजल मल्टीपल यूनिट (DEMU)
इन ट्रेनों के नाम से ही साफ होता है कि इनका संचालन डीजल से होता है। यह ट्रेन 3 प्रकार की होती हैं, पहली डीजल मैकेनिकल DEMU, दूसरी डीजल हाइड्रोलिक DEMU और तीसरी डीजल इलेक्ट्रिक DEMU। इन तीनों में ही हर 3 कोच के बाद एक पावर कोच बना होता है। इन ट्रेनों को एनर्जी एफिशिएंट ट्रेन भी कहा जाता है। DEMU ट्रेनों को लंबे सफर के लिए नहीं बनाया गया है। अगर इन ट्रेनों का इंजन फेल होता है तो इनको बदला नहीं जा सकता है।
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