5 डे वर्किंग कल्चर से नाखुश हैं नारायण मूर्ति, कहा- मैं रोज 14 घंटे करता था काम
भारत में कंपनियां अब वर्क लाइफ बैलेंस और 5 डे वर्किंग कल्चर को लेकर एक्टिव हो गई हैं। हालांकि इंफोसिस के को फाउंडर नारायण मूर्ति इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं। हाल ही में अपने एक इंटरव्यू के दौरान वर्क लाइफ बैलेंस के ऊपर कड़ी मेहनत को प्राथमिकता दी है। इसके साथ ही उन्होंने 5 डे वर्किंग कल्चर को लेकर निराशा जताई है। बता दें कि नारायण मूर्ति हमेशा इस विषय पर बात करते हैं और इसकी वकालत करते नजर आए हैं। आइए इसके बारे में जानते हैं।
कड़ी मेहनत है जरूरी
सीएनबीसी ग्लोबल लीडरशिप समिट में इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने वर्क लाइफ बैलेंस पर कड़ी मेहनत को प्राथमिकता देने के अपने रुख पर जोर दिया। उनके हिसाब से कड़ी मेहनत जरूरी है, क्योंकि भारत, एक विकासशील देश है और ऐसे में ये कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। देश के विकास के लिए उन लोगों की जरूरत है, जो कड़ी मेहनत करने के लिए तैयार हों।
पीएम मोदी की तारीफ
मूर्ति ने जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के इंडिपेंडेंट डायरेक्ट और नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के वी कामथ द्वारा दिए गए एक बयान का हवाला देकर अपनी चर्चा शुरू की। मूर्ति के अनुसार, कामथ ने इस बात पर जोर दिया कि काफी सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों वाले देश के रूप में, भारत को पारंपरिक वर्क लाइफ बैलेंस को बढ़ावा देने के बजाय विकास पर अधिक ध्यान देना चाहिए।
इसके साथ ही मूर्ति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल की कड़ी मेहनत की सराहना की। उन्होंने कहा कि वे अक्सर राष्ट्र की सेवा में लंबे समय तक काम करते हैं। मूर्ति ने कहा,' जब पीएम मोदी एक हफ्ते में 100 घंटे काम कर रहे हैं, तो हमारे आस-पास जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए हमारी सराहना दिखाने का एकमात्र तरीका हमारा काम है।
Narayana Murthy Infosys Founder
5 डे वर्किंग कल्चर से निराशा
मूर्ति ने भारत के 6 डे वर्किंग से 5 डे वर्किंग कल्चर में बदलाव पर निराशा जताई है। उन्होंने कहा कि वर्क शेड्यूल को कम करना एक विकासशील देश में प्रगति को बाधित कर सकता है। हमें इस देश में कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। चाहे आप सबसे बुद्धिमान व्यक्ति ही क्यों न हों, आपको कड़ी मेहनत करनी होगी। इसके साथ ही मूर्ति ने अपनी खुद की डेली रूटीन के बारे में बताया और कहा ,' वे प्रतिदिन 14 घंटे से अधिक काम करते थे, सुबह 6:30 बजे अपना दिन शुरू करते थे और रात 8:40 बजे समाप्त करते थे।
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