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Cloud Kitchen क्या? ट्रेन में अब नहीं मिलेगा खराब खाना, IRCTC ने निकाला गजब का फॉर्मूला

IRCTC Indian Railway Cloud Kitchen: ट्रेन में मिलने वाले खाने को लेकर अक्सर लोगों को शिकायतें रहती है। मगर अब IRCTC ने बेस किचन की जगह क्लाउड किचन बनाने का ऐलान कर दिया है। इसकी शुरुआत मुंबई से हो चुकी है।
03:33 PM Sep 11, 2024 IST | Sakshi Pandey
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IRCTC Indian Railway Cloud Kitchen: ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों की अक्सर खाने को लेकर शिकायतें सामने आती हैं। खासकर लंबी दूरी तय करने वाली ट्रेनों में खाने की गुणवत्ता पर सवाल उठना आम बात है। हालांकि अब भारतीय रेलवे ने इसका हल खोज निकाला है। IRCTC ट्रेन के बेस किचन को क्लाउड किचन में बदलने की तैयारी कर रहा है, जिसकी शुरुआत मुंबई से हो चुकी है।

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200 क्लाउड किचन बनेंगे

क्लाउड किचन का एक्सपेरिमेंट मुंबई में शुरू हो गया है। IRCTC ने पिछले एक महीने से क्लाउड किचन को कुछ ट्रेनों में लागू किया है। पश्चिमी रेलवे जोन में 200 क्लाउड किचन स्थापित किए गए हैं। महाराष्ट्र के बाद मध्य प्रदेश और गुजरात में भी क्लाउड किचन शुरू किए जाएंगे। IRCTC के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार मुंबई के पवई, कुर्ला, पनवेल, ठाणे और चेंबूर जैसे इलाकों में क्लाउड किचन बनाया जाएगा। कुर्ला का क्लाउड किचन पहले ही शुरू हो चुका है। आंकड़ों की मानें तो IRCTC महाराष्ट्र में 90 क्लाउड किचन बनाने पर फोकस कर रहा है। इनमें से 50 क्लाउड किचन का काम पूरा हो चुका है और इनसे खाना ट्रेनों में सप्लाई किया जाता है।

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कुर्ला क्लाउड किचन का संचालन शुरू

मुंबई की LBS रोड पर स्थित कुर्ला क्लाउड किचन की रसोई सबसे बड़ी है। इसमें 4000 लोगों का लंच, ब्रेकफास्ट और डिनर तैयार किया जा सकता है। कुर्ला में खाना तैयार होने के बाद इसे कोल्ड स्टोरेज वैन में रखकर लंबी दूरी वाली ट्रेनों में पहुंचाया जाता है। ट्रेन के पेंट्रीकार से यह खाना यात्रियों तक पहुंचता है।

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7 साल का कॉन्ट्रैक्ट

क्लाउड किचन का कॉन्ट्रैक्ट 7 साल के लिए अलग-अलग कैटरर्स को सौंपा जाएगा। इस क्लाउड किचन में साफ-सफाई और खाने की गुणवत्ता पर कड़ी निगरानी रखी जाती है। अभी के लिए रेलवे खाने से जुड़ी चीजों के लिए कुछ चुनिंदा स्टेशनों पर निर्भर है। मसलन मुंबई का बेस किचन CSMT और मुंबई सेंट्रल स्टेशन पर मौजूद हैं, जहां हर रोज 8000-12000 लोगों का खाना बनता है। हालांकि क्लाउड किचन बनने के बाद बेस किचन पर निर्भरता खत्म हो जाएगी।

कैटरर्स पर लगेगा जुर्माना

रेलवे स्टेशनों पर मौजूद बेस किचन से राजधानी, शताब्दी, तेजस और यहां तक की वंदे भारत एक्सप्रेस में भी खाना सप्लाई होता है। हालांकि लंबी दूरी वाली ट्रेनों में खाना अक्सर खराब हो जाता है। मगर अब क्लाउड किचन का संचालन शुरू होने के बाद ट्रेनों में अलग-अलग जगहों से खाना पहुंचाया जा सकेगा। वहीं अगर खाने की गुणवत्ता खराब पाई गई, तो कैटरर्स पर 5000 से 50,000 तक का जुर्माना लग सकता है।

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