किस तरह भारत को नुकसान पहुंचा रही है इजराइल-ईरान की जंग? कारोबार के साथ कई मोर्चों पर बिगड़ रहे हालात
How Israel-Iran Conflict Is Affecting India : इजराइल पर ईरान की ओर से किए गए मिसाइल हमलों के बाद पश्चिमी एशिया में संघर्ष की स्थिति रातोंरात एक नए और बेहद अस्थिर चरण में पहुंच गई है। इसके साथ ही भारत समेत दुनियाभर के कारोबारियों के लिए व्यापार में लंबे समय कर चलने वाले व्यवधान को लेकर परेशानी बढ़ गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि कारोबार के लिए बेहद अहम माना जाने वाला रेड सी शिपिंग रूट अनुमान से कहीं ज्यादा लंबे समय के लिए वैश्विक शिपिंग लाइंस के लिए पहुंच से बाहर हो सकता है। इसके चलते माल ढुलाई की दर बहुत ज्यादा ऊंचे स्तर पर पहुंच सकती हैं।
इजराइल और ईरान के बीच लगातार बढ़ते विवाद ने व्यापार में आने वाली बाधाओं के खतरे को बढ़ा दिया है। हिजबुल्ला के यमन में हूती विद्रोहियों के साथ करीबी संबंध हैं। ये हूती विद्रोही रेड सी रूट पर जहादों पर होने वाले अधिकतर हमलों के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसका भारत के लिए भी काफी महत्व है क्योंकि वह यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका और पश्चिमी एशियाई देशों के साथ कारोबार के लिए सुएज कैनाल के जरिए इस रूट पर काफी निर्भर करता है। भारतीय निर्यातकों को लंबे समय से इस बात का डर था कि इजराइल और ईरान के बीच सीधा संघर्ष कारोबार के लिए बेहद अहम रेड सी रूट को प्रभावित कर सकता है।
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भारत के एक्सपोर्ट पर साफ दिखा जंग का असर
इस संघर्ष का असर भारतीय निर्यातक साफ महसूस कर रहे हैं। अगस्त में ही इस रूट से होने वाले एक्सपोर्ट में 9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। अब जब तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है तो स्थिति और गंभीर होने की आशंका भी बढ़ गई है। रेड सी संकट की वजह से अगस्त में भारत का पेट्रोलियम एक्सपोर्ट 38 प्रतिशत कर गिर गया था। आधिकारिक डाटा बताता है कि इस साल अगस्त में पेट्रोलियम उत्पादों का एक्सपोर्ट 5.95 बिलियन डॉलर का रहा। वहीं, पिछले साल अगस्त में यह आंकड़ा 9.54 बिलियन डॉलर था। ये आंकड़े साफ बता रहे हैं कि इजराइल और ईरान की जंग भारत को किस तरह नुकसान पहुंचा रही है।
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भारतीय कारोबारी उठा चुके सरकार से बड़ी मांग
रेड सी संकट की वजह से कारोबारी रूट लंबे होंगे जिसकी वजह से शिपिंग की दरें भी बढ़ेंगी। इसकी शुरुआत भी हो गई है। रेड सी रूट में संकट की शुरुआत होने के बाद से ही भारतीय निर्यातक सरकार से मांग कर रहे हैं कि वैश्विक स्तर की एक भारतीय शिपिंग लाइन को डेवलप करने का काम किया जाए। ध्यान देने वाली बात है कि इस संकट का फायदा वैश्विक शिपिंग कंपनियों को हो रहा है जिनके प्रॉफिट में अच्छा-खासा इजाफा देखने को मिला है। इसके साथ ही इस जंग ने इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर योजना को भी खतरे में डाल दिया है जिसका एलान पिछले साल जी20 बैठक में हुआ था।