वीडियो कॉल मीटिंग कर निकाले 400 से ज्यादा कर्मचारी, कनाडा की कंपनी के मैनेजर ने सबको म्यूट कर सुनाया फैसला
Job Layoffs On Video Call Meeting: आए दिन अलग-अलग कंपनियों में छंटनी की खबरें सुनने को मिलती हैं। गूगल समेत कई बड़ी कंपनियों ने अपने खर्च को कम करने के लिए हजारों लोगों को नौकरी से निकाल दिया। ऐसा ही एक मामला कनाडा की दिग्गज टेलीकॉम कंपनी बेल (Bell) में भी सामने आया, जहां 10 मिनट की वीडियो कॉल में 400 कर्मचारियों से नौकरी छीन ली गई।
कंपनी के तरीके को बताया शर्मनाक
कनाडा की सबसे बड़ी प्राइवेट सेक्टर कर्मचारी यूनियन यूनिफोर (Unifor) ने इसकी कड़ी निंदा की। यूनिफोर ने कहा कि नौकरी कर रहे लोगों को इस असंवेदनशील तरीके से नौकरी से हटाने का निर्णय बहुत ज्यादा गलत है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यूनिफोर ने कंपनी द्वारा अपनाए गए इस तरीके को शर्मनाक बताया। यह कर्मचारी लंबे समय से कंपनी के लिए काम कर रहे थे।
इन्हें नौकरी से हटाने के लिए बेल ने मात्र 10 मिनट की एक वर्चुअल ग्रुप मीटिंग की और 400 लोगों को कंपनी पर बोझ बताकर छंटनी कर दी। इस मीटिंग में एक मैनेजर आया, जिसके पास छंटनी का लेटर था। उसने न ही किसी कर्मचारी से बात की और न ही यूनियन से। उसने कंपनी का फैसला सुनाना शुरू कर दिया। इस तरह सभी कर्मचारियों को पिंक स्लिप दे दी गई।
कर्मचारी और संघ को रखा गया म्यूट
जानकारी के मुताबिक, इस 10 मिनट की वीडियो कॉलिंग में कर्मचारियों और संघ को अनम्यूट नहीं किया गया, जिससे कोई भी कंपनी से सवाल-जवाब न कर सके। मैनेजर ने बस नौकरी से निकालने की जानकारी दी और किसी को बोलने तक का मौका नहीं दिया।
यूनिफोर के क्यूबेक डायरेक्टर डैनियल क्लॉटियर ने एक बयान में कहा कि उनके सदस्य, जिन्होंने इस टेलीकॉम और मीडिया जाइंट में सालों तक काम किया है, उन्हें गुलाबी पर्चियों से भुगतान किया जा रहा है। अगर यह शर्मनाक से ज्यादा नहीं है, तो पता नहीं कि क्या है।
गुरुवार को स्टार को दिए एक बयान में, बेल के कम्यूनिकेशन के निदेशक एलेन मर्फी ने कहा कि जिन लोगों को जाने दिया गया, उन्होंने अपने पैकेजों पर बात करने और सवाल पूछने के लिए एचआर के साथ पर्सनल मीटिंग कीं।
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