Pushpa की तरह फायर है Mushroom की खेती, यकीन न हो तो इनकी कमाई देख लीजिये
Mushroom Cultivation: मशरूम की खेती युवाओं को आकर्षित कर रही है, वजह है इसमें होने वाली छप्पर फाड़ कमाई। खासकर इनडोर खेती में मशरूम की खेती बहुत फायदेमंद साबित होती है। इसमें शुरुआती निवेश भी ज्यादा नहीं है और मशरूम जल्द तैयार हो जाते हैं। इसकी डिमांड लगभग हमेशा बनी रहती है, इसलिए खेती-किसानी में दिलचस्पी रखने वाले इसकी तरफ तेजी से आकर्षित हो रहे हैं।
कई लोगों ने पाया मुकाम
देश में कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने मशरूम की खेती से अपनी आर्थिक सेहत को न केवल दुरुस्त किया है, बल्कि उसे 'सामान्य' से 'बेहतर' के लेवल पर ले आए हैं। राजस्थान के शंकर मीणा, बिहार के रमेश कुमार गुप्ता, ओडिशा के संतोष मिश्रा, केरल की शिजे वर्गीस और दिल्ली के मनीष यादव भी ऐसे लोगों में शुमार हैं।
1000 रुपए से 12 लाख तक
राजस्थान के शंकर मीणा मशरूम की खेती से लाखों कमा रहे हैं। एमबीए ड्रॉपआउट शंकर ने ट्रायल के तौर पर जयपुर स्थित घर में मशरूम की खेती की शुरुआत की थी। उन्होंने दिल्ली से मशरूम के बीज मंगवाने के लिए 1000 रुपए खर्च किये थे, इससे हुए मुनाफे ने उन्हें इसकी तरफ पूरी तरह मोड़ दिया। उन्होंने कई संस्थानों से मशरूम की खेती के लिए ट्रेनिंग ली। इसमें ICAR-डायरेक्टरेट ऑफ मशरूम रिसर्च, हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन (HAIC) और बेंगलुरु का एक ट्रेनिंग सेंटर भी शामिल है। 2017 में शंकर ने 'जीवन मशरूम' नाम के वेंचर की शुरुआत की। उनकी कंपनी मशरूम के बीज उपलब्ध कराती है। आज वह मशरूम से ही हर महीने करीब 12 लाख रुपए कमाते हैं।
यह भी पढ़ें - कम खर्च में मोटा मुनाफा देता है ये Business, PM Modi कर चुके हैं तारीफ
आज हो रही पैसों की बारिश
बिहार के पूर्वी चम्पारण जिले के रहने वाले रमेश कुमार गुप्ता भी मशरूम की खेती से लाखों कमा रहे हैं। एग्रीकल्चर ग्रेजुएट रमेश ने शुरुआत में 70,000 रुपए की न्यूनतम लागत से मशरूम की खेती के लिए 500 वर्ग फुट में एक कच्चा शेड बनाया था। यहां उन्होंने ऑयस्टर (Oyster) और बटन (Button) वैरायटी के मशरूम उगाए। अपने पहले ही प्रयास में उन्हें अच्छी कमाई हुई। आज वह मशरूम की खेती और कंसल्टेंसी से हर महीने 5 से 6 लाख रुपए की कमाई कर लेते हैं।
रमेश की तरह बिहार की प्रतिभा झा भी इस बिजनेस से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने महज 1000 रुपए के साथ इसकी शुरुआत की थी। पहले प्रयास में उनसे कुछ गलतियां हुईं और मुनाफा ज्यादा नहीं हुआ। लेकिन आज वह 2 लाख रुपए महीने से ज्यादा कमा रही हैं।
36 रुपए से 2 करोड़ की यूनिट तक
ओडिशा निवासी संतोष मिश्रा ने 1989 में भुवनेश्वर के ओडिशा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (OUAT) से 36 रुपए में चार बोतल ऑयस्टर मशरूम स्पॉन (बीज) खरीदे थे। यहीं से उनकी मशरूम की खेती की शुरुआत हुई। आज वह मशरूम से लाखों की कमाई कर रहे हैं। पिपली में स्थित उनका कलिंगा मशरूम सेंटर अब ऑयस्टर की खेती के अलावा प्रतिदिन 2000 बोतल स्पॉन का भी उत्पादन करता है। वह मशरूम का आटा, अचार, स्नैक्स और अन्य सामान बनाने के लिए 2 करोड़ रुपए की फूड प्रोसेसिंग यूनिट भी लगा रहे हैं।
शौक में हुई शुरुआत से बनीं अमीर
केरल निवासी शिजे वर्गीस ने महज शौक के तौर पर अपने घर की बालकनी में मशरूम लगाए थे। वह महज 250 रुपए में ऑयस्टर मशरूम के बीज लेकर आई थीं। यहीं से उन्हें इसे एक बड़ा बिजनेस बनाने का आईडिया आया। हालांकि, शुरुआत में उन्हें कुछ नुकसान भी उठाना पड़ा, लेकिन फैमिली की मदद से उन्होंने अपना काम जारी रखा। आज इस फील्ड में एक बड़ा नाम हैं। उनका ब्रांड Coonfresh सालाना 1.8 लाख किलोग्राम मशरूम और कुछ अन्य उत्पाद बेचता है, जिससे उन्हें कम से कम 50 लाख की कमाई होती है।
सफल ट्रायल से शुरू हुआ सफर
दिल्ली के मनीष यादव ने ट्रायल के लिए 15x15 फीट के कमरे में मशरूम की खेती शुरू की थी। महज दो महीने में ही उन्हें इसमें अच्छी कमाई हो गई। इसके बाद उन्होंने बड़ी जगह पर खेती शुरू की। अब वह सालाना 40,000 किलो बटन मशरूम बेचते हैं और गर्मियों में इसकी कीमत 450 रुपए प्रति किलो तक पहुंच जाती है। वह मशरूम की खेती से हर महीने 5 लाख रुपए कमा रहे हैं।
इस बात का रखें ध्यान
मशरूम के कई प्रकार होते हैं। हालांकि, अच्छी कमाई के लिए किसान सफेद बटर मशरूम, ऑयस्टर, दूधिया, पैडीस्ट्रा मशरूम और शिटाके मशरूम ज्यादा उगाते हैं। मशरूम की डिमांड काफी ज्यादा रहती है और इसका भाव भी ज्यादा रहता है। ऐसे में लागत और मुनाफे के बीच का फासला अपेक्षाकृत अधिक रहता है। यानी अच्छा प्रॉफिट होने की संभावना रहती है। लेकिन इसके लिए पर्याप्त ज्ञान ज़रूरी है। लिहाजा, शुरुआत से पहले अगर आप ट्रेनिंग लेते हैं तो अच्छा रहेगा।