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Maruti की गाड़ियों का वेटिंग पीरियड होगा कम, रेलवे के साथ मिलकर कंपनी ने उठाया यह बड़ा कदम

India First Auto In-plant Railway Siding Project: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में मारुति सुजुकी के पहले ऑटोमोबाइल इन-प्लांट रेलवे साइडिंग प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। इस नई रेलवे साइडिंग से कंपनी का सालाना 3 लाख गाड़ियों को देश के अलग-अलग राज्यों में डिस्पैच करने का लक्ष्य है।
05:19 PM Mar 12, 2024 IST | Amit Kasana
ऑटोमोबाइल इन-प्लांट रेलवे साइडिंग प्रोजेक्ट
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India First Auto In-plant Railway Siding Project: मारुति सुजुकी की कारों की पूरी इंडिया में हाई डिमांड है। कार लवर्स अक्सर कंपनी की कार बुकिंग करवाने के बाद लंबे वेटिंग पीरियड से जूझते हैं। लेकिन अब यह इंतजार कम होगा। दरअसल, मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ऑटोमोबाइल इन-प्लांट रेलवे साइडिंग प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया है।

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गुजरात के दौरे पर हैं पीएम

मारुति सुजुकी ने गुजरात के हंसलपुर में यह प्लांट लगाया है। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसका उद्घाटन किया। दरअसल, प्रधानमंत्री गुजरात के दौरे पर हैं इस दौरान उन्होंने कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत की। इस कड़ी में उन्होंने 10 नई वंदे भारत ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई है। इन नई ट्रेनों से बड़ी संख्या में रेलयात्रियों को फायदा मिलेगा।

यह होगा रेलवे साइडिंग प्रोजेक्ट का फायदा

इस साइडिंग प्रोजेक्ट से मारुति की गाड़ियों की डिस्पैच क्षमता बढ़ेगी। जानकारी के अनुसार भारतीय रेलवे और मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने संयुक्त रूप से इस नए प्रोजेक्ट को करीब 976 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। दरअसल, यह प्रोजेक्ट पीएम मोदी के गति शक्ति मिशन के तहत तैयार किया गया है। मारुति के एग्जिक्यूटिव ऑफिसर राहुल भारती ने कहा कि इस नए प्रोजेक्ट से कंपनी का सालाना करीब 50000 ट्रकों से कारों को पहुंचाने का काम खत्म होगा। फिलहाल कंपनी का रेलवे से कार डिस्पैच करीब 26 फीसदी है जो आगे बढ़कर 40 प्रतिशत हो जाएगा।

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सालाना 3 लाख गाड़ियां होंगी डिस्पैच

इस प्रोजेक्ट से 50000 ट्रकों से होने वाला पॉल्यूशन कम होगा। अनुमान के मुताबिक रेलवे से कार डिस्पैच में सालाना 1650 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी करने में मदद मिलेगी। वहीं, बड़ी मात्रा में ट्रकों में इस्तेमाल में आने वाले डीजल की भी बचत की जा सकेगी। नई रेलवे साइडिंग से कंपनी का सालाना 3 लाख गाड़ियों को देश के अलग-अलग राज्यों में डिस्पैच करने का लक्ष्य है।

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Tags :
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