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New Income Tax Slab: 13.7 लाख तक सैलरी पर नहीं देना होगा कोई टैक्स! यहां समझें कैलकुलेशन

NPS Tax Benefits: बजट 2025 के तहत सरकार ने 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स-फ्री कर दिया है। वेतनभोगी कर्मचारी स्टैंडर्ड डिडक्शन और NPS में निवेश कर13.7 लाख रुपये तक की सैलरी पर भी टैक्स से बच सकते हैं।
08:27 PM Feb 03, 2025 IST | Ankita Pandey
new income tax slab  13 7 लाख तक सैलरी पर नहीं देना होगा कोई टैक्स  यहां समझें कैलकुलेशन
Income Tax

NPS Tax Benefits: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय टैक्सपेयर्स को बड़ी खुशखबरी देते हुए बजट 2025 में 12 लाख रुपये तक की सैलरी पर कोई इनकम टैक्स नहीं देने की घोषणा की है। लोग इस फैसले से बहुत खुश नजर आ रहे हैं। अगर हम आपसे कहें कि आप 13.7 लाख की सैलरी तक टैक्स बचा सकते हैं तो? जी हां, सैलरी पाने वाले स्टैंडर्ड डिडक्शन और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) निवेश के जरिए 13.7 लाख रुपये की सैलरी पर भी टैक्स बचा सकते हैं। आइए इस कैलकुलेशन को समझते हैं।

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कैसे बचाएं टैक्स?

सरकार ने नए टैक्स स्लैब में 12 लाख की सैलरी वाले कर्मचारियों के लिए 87(A) के तहत टैक्स फ्री कर दिया है। यानी 12 लाख तक उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होगा। ऐसे में अगर आपकी सैलरी 13.7 लाख है तो आप 75,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन और 14% NPS में योगदान के जरिए अपनी सैलरी को टैक्स फ्री कर सकते हैं।

बता दें कि 80CCD(2) के तहत NPS में आपकी बेसिक सैलरी का 14% योगदान किया जाता है। ऐसे में अगर आपकी कुल सैलरी 13.7 लाख रुपये है और उसकी बेसिक सैलरी 6.85 लाख रुपये है, तो 14% NPS योगदान 95,900 रुपये के बराबर होगा। ऐसे में स्टैंडर्ड डिडक्शन और NPS के बाद आपकी टैक्सेबल इनकम 11.99 लाख रुपये होगी। यानी आपको कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा। इसके अलावा हम यहां बता रहे हैं कि 16 लाख की सैलरी तक आपको कितना टैक्स देना पड़ सकता है। इसमें भी NPS और स्टैंडर्ड डिडक्शन शामिल है।

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कुल सैलरी बेसिक सैलरीNPS योगदानकर योग्य आय कुल टैक्स 
13.7 लाख6.85 लाख95,90011.99NIL
16 लाख8 लाख1.12 लाख14.13 लाख91,950
24 लाख12 लाख1.68 लाख21.57 लाख2.39 लाख
32 लाख16 लाख2.24 लाख29.01 लाख4.50 लाख
48 लाख24 लाख3.36 लाख43.89 लाख8.97 लाख

क्यों बेहतर है NPS

हालांकि, NPS टैक्स-सेविंग सुविधा लगभग 10 सालों से उपलब्ध है, फिर भी केवल 22 लाख लोग ही इसमें रजिस्टर्ड हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि NPS का लॉक-इन पीरियड बहुत लंबा होता है। इसके अलावा रिटायरमेंट से पहले आप इस अमाउंट को विड्रॉ नहीं कर सकते हैं।

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इतना ही नहीं मैच्योरिटी पर भी आपको केवल 60% अमाउंट ही मिलता है और 40% अमाउंट पेंशन में बदल जाता है। हालांकि NPS के अपने फायदे हैं। इसमें आपको फंड स्विचिंग सुविधा के साथ कम फंड मैनेजमेंट फीस देना पड़ता है। इसके अलावा लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट होने के कारण इस पर बेहतर रिटर्न मिलता है।

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