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Ninder Ghugianvi: कभी दूसरों के ऑर्डर करते थे फॉलो, आज दुनिया के लिए बने प्रेरणा

Orderly to Professor Ninder Ghugianvi: निंदर घुगियानवी पंजाब की एक लोकप्रिय शख्सियत हैं। उनकी पहली किताब ही रातों-रात फेमस हो गई थी।
11:55 AM Jan 16, 2025 IST | News24 हिंदी
ninder ghugianvi  कभी दूसरों के ऑर्डर करते थे फॉलो  आज दुनिया के लिए बने प्रेरणा

Success Story: कुछ कर गुजरने का जुनून, कड़ी मेहनत और आगे बढ़ने की अभिलाषा। इन तीनों का जब मिक्सचर तैयार होता है तो निंदर घुगियानवी जैसी हस्तियां सामने आती हैं। पंजाब के एक गरीब परिवार में जन्मे निंदर ने अर्दली (Orderly) से प्रोफसर तक का सफर तय करके एक मिसाल पेश की है। उन्हें कुछ वक्त पहले ही सेंट्रल यूनिवर्सिटी, बठिंडा में प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस के पद पर नियुक्त किया गया है।

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आसान नहीं था सफर

निंदर घुगियानवी जाने-पहचाने लेखक भी हैं, जिनकी पहली किताब ने ही धूम मचा दी थी। हालांकि, सफलता के इस मुकाम तक पहुंचना उनके लिए आसान नहीं था। उनके पिता गांव में एक छोटी सी दुकान चलाते थे। परिवार की आय बहुत कम थी। ऐसे में जब उन्हें पंजाब न्यायिक सेवा में अर्दली का पद मिला, तो परिवार खुशी से झूम उठा क्योंकि वे परिवार से सरकारी नौकरी पाने वाले पहले व्यक्ति थे। हालांकि, उनके लिए आगे का सफर बेहद कष्टकारी रहा।

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पढ़ने और गाने का शौक

एक न्यायाधीश के अर्दली के तौर पर अपने काम से निंदर घुगियानवी खास खुश नहीं थे। उन्हें अनगिनत मौकों पर अपमान का सामना करना पड़ा। अर्दली शब्द अंग्रेजी के 'ऑर्डरली' शब्द से बना है और इसके चपरासी सहित कई मतलब होते हैं। परिवार की आर्थिक मजबूरियों के चलते निंदर ज्यादा नहीं पढ़ सके, लेकिन उन्हें पढ़ने और गायन का शौक हमेशा ही रहा।

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रातों-रात हुए फेमस

2001 में उन्होंने ‘Main Saan Judge da Ardali’ नाम से पहली किताब लिखी, यह उनकी बायोग्राफी थी। यह किताब रातों-रात सफल हो गई और कई भाषाओं में इसका अनुवाद किया गया। इतना ही नहीं, इस पर एक टेली-फिल्म और रेडियो फीचर भी बनाया गया। कुछ साल पहले एक इंटरव्यू में निंदर ने कहा था कि इस किताब को तुरंत सफलता इसलिए मिली, क्योंकि यह चतुर्थ श्रेणी सरकारी कर्मचारी द्वारा लिखा गया पहला संस्मरण था, जिसने अपने साथ हुए व्यवहार के बारे में बताने में कोई संकोच नहीं किया।

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कई किताबें लिखीं

इसके बाद निंदर घुगियानवी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह एक के बाद एक किताबें लिखते गए और लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता बढ़ती गई। वह अब तक 70 किताबें लिख चुके हैं। उन्हें अपने लेखन के लिए कई बार सम्मानित किया गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 12 विश्वविद्यालयों के एमफिल और पीएचडी छात्रों ने उनके लेखन पर शोध किया है, ताकि पंजाबी साहित्य पर उनके प्रभाव को बारीकी से समझा जा सके। उन्हें पंजाबी समुदाय के निमंत्रण पर कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में आमंत्रित और सम्मानित भी किया गया है।

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क्या होता है POP?

निंदर घुगियानवी को कुछ वक्त पहले सेंट्रल यूनिवर्सिटी, बठिंडा में प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस (POP) के पद पर नियुक्त किया गया है। यह पद उन लोगों के लिए आरक्षित है जिन्होंने अपने क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया है। घुगियानवी इस उपाधि को प्राप्त करने वाले पहले पंजाबी लेखक हैं। उन्होंने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि वह पंजाबी साहित्य में विश्वविद्यालय के मिशन को आगे बढ़ाने के लिए पूरी लगन के साथ काम करेंगे।

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