OPS Vs NPS: कौन-सी पेंशन स्कीम कर्मचारियों के लिए सही कौन-सी नहीं?
OPS And NPS Difference: देश में नौकरीपेशा लोग अपनी पेंशन के पैसों को लेकर काफी चिंता में रहते हैं। भारत में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लेकर हंगामा मचा हुआ था और उसके बाद नई पेंशन स्कीम (NPS) लाई गई। अब लोगों के मन में सवाल आता है कि कौन-सी स्कीम ज्यादा अच्छी है? यहां जानिए ओपीएस और एनपीएस में क्या फर्क है।
राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम (NPS)
राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम (NPS) भारत सरकार द्वारा स्थापित एक सेवानिवृत्ति बचत और निवेश कार्यक्रम है जो भारत के नागरिकों को उनकी उम्र बढ़ने के साथ सुरक्षा प्रदान करती है। 60 से 65 वर्ष की आयु के बीच का कोई भी भारतीय नागरिक भी NPS में शामिल हो सकता है और 70 वर्ष की आयु तक सदस्य बना रह सकता है।
ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS)
यह एक पेंशन योजना है, जिसके तहत सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट के समय उनकी सैलरी पर आधारित होती थी। इस स्कीम में रिटायर हुए कर्मचारी की मौत के बाद उनके परिवार के सदस्यों को पेंशन भी दी जाती थी। हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा पेंशन सुधारों के एक भाग के रूप में भारत में पुरानी पेंशन योजना को समाप्त कर दिया गया था।
ओल्ड पेंशन स्कीम को राजस्थान ने अप्रैल 2022 में फिर से शुरू किया था। इसके बाद छत्तीसगढ़ ने दिसंबर 2022 में और झारखंड, पंजाब ने अक्टूबर 2022 में, और हिमाचल प्रदेश ने 17 अप्रैल, 2023 को इस योजना को अधिसूचित किया है। पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) एक सुरक्षित पेंशन योजना है। इसका भुगतान सरकार की ट्रेजरी के जरिए किया जाता है।
नई और पुरानी पेंशन स्कीम में क्या अंतर?
- जहां पुरानी पेंशन स्कीम यानी OPS में पेंशन के लिए सैलरी से कोई पैसा नहीं कटता था वहीं नई पेंशन स्कीम यानी NPS में कर्मचारी की सैलरी से 10% (बेसिक DA) कटता है।
- OPS का भुगतान सरकार की ट्रेजरी से किया जाता है बल्कि नई पेंशन योजना शेयर बाजार और बाकी इन्वेस्टमेंट पर निर्भर करती है, इनके आधार पर ही रिटर्न मिलता है।
- पुरानी पेंशन स्कीम में जनरल प्रोविडेंट फंड की फैसिलिटी होती है जबकि नई पेंशन स्कीम में यह सुविधा नहीं है।
- पुरानी पेंशन स्कीम में 6 महीनों के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता होता है बल्कि नई पेंशन स्कीम में ऐसा नहीं होता।
- OPS में रिटायरमेंट के टाइम लास्ट बेसिक सैलरी के 50 परसेंट तक निश्चित पेंशन मिलती है। वहीं दूसरी तरफ NPS में रिटायरमेंट के टाइम निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है। नई पेंशन स्कीम में पेंशन आपके इन्वेस्टमेंट और उस पर मिले रिटर्न के आधार पर मिलती है।
- पुरानी पेंशन स्कीम में सर्विस के दौरान मौत हो जाए तो फैमिली पेंशन का प्रोविजन है। नई पेंशन स्कीम में सर्विस के दौरान मौत होने पर फैमिली पेंशन मिलती तो है लेकिन स्कीम में जमा हुए पैसों को सरकार जब्त कर लेती है।
- पुरानी पेंशन स्कीम में नौकरी से रिटायरमेंट के टाइम पेंशन लेने के लिए GPF से कोई इन्वेस्ट नहीं करना पड़ता जबकि NPS में रिटायरमेंट पर पेंशन पाने के लिए NPS फंड से 40 परसेंट पैसों का निवेश करना होता है।
- OPS में जहां 40 परसेंट पेंशन कम्यूटेशन का प्रोविजन है वहीं NPS में ऐसा नहीं नहीं है। नई पेंशन स्कीम में मेडिकल फैसिलिटी (FMA) है लेकिन NPS में क्लियर प्रोविजन नहीं है।
सरकार रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा को संरक्षित करने के लिए कई पेंशन योजनाएं पेश करती है। कुछ गारंटीकृत पेंशन योजनाओं में आप लोन पर कर कटौती जैसे लाभ भी पा सकते हैं।