PAN 2.0: क्या बदल जाएगा अपना पैन नंबर? क्यों है अपडेट की जरूरत; जानिए इसके पीछे की बड़ी वजह
PAN 2.0 Announced: बीते सोमवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारत सरकार के एक बड़े प्लान के बारे में बताया। हम PAN 2.0 की बात कर रहे हैं, जिसके बारे में केंद्रीय मंत्री ने कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान जानकारी दी। बता दें कि यह परमानेंट अकाउंट नंबर का एक अपग्रेड फॉर्म हो सकता है, जिससे यूनिक टैक्स पेयर की पहचान की जाएंगी। अब सवाल उठता है कि क्या सरकार की इस नई योजना के तहत लोगों को अपना पैन नंबर बदलना पड़ेगा? यहां हम इसके बारे में विस्तार से जानेंगे। इसके अलावा हम इस बात पर भी चर्चा करेंगे कि आखिर सरकार को इस योजना पर काम करने की जरूरत क्यों पड़ी?
कैबिनेट ब्रीफिंग में दी जानकारी
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान बताया कि सरकार पैन 2.0 शुरू करने जा रही है। यह भारत के पैन सिस्ट का एक एडवांस वर्जन होगा, जिससे बिजनेस और सिटीजन - सेंट्रिक ऑपरेशन्स को मैनेज करने में आसानी होगी। वैष्णव ने कहा कि आयकर अधिनियम की धारा 139A के तहत 1972 से पैन का उपयोग किया जा रहा है। भारत में अब तक 78 करोड़ पैन जारी किए गए हैं।
क्या बदलना होगा पैन नंबर?
इस अपग्रेड के साथ पहला सवाल, जो दिमाग में आता है कि क्या हमें अपना पैन नंबर भी बदलना होगा? वैष्णव ने बताया कि नागरिकों को अपना पैन नंबर बदलने की जरूरत नहीं होगी। पैन 2.0 पैन सिस्टम को अपग्रेड के तौर पर आएगा। आगे उन्होंने बताया कि नया कार्ड क्विक स्कैन के लिए क्यूआर कोड के साथ आएगा और 'पूरी तरह से ऑनलाइन' होगा। हालांकि अभी तक इस बात की कोई जानकारी सामने नहीं आई है कि इसे कब तक पेश किया जाएगा।
PAN Card
पैन 2.0 में क्या होगा खास?
अब सवाल उठता है कि आखिर सरकार इस अपग्रेड के बारे में क्यों विचार कर रही है? बता दें कि इस सिस्टम अपग्रेड से ऑपरेशन एफिशिएंसी बढ़ेगी,क्योंकि नया सिस्टम पूरी तरह से टेक्नोलॉजी बेस्ड फ्रेमवर्क पर काम करेगा। इसके साथ ही नया पैन सिस्टम कॉमन बिजनेस आइडेंटिफायर की तरह काम करेगा, जिससे पैन को खास सेक्टर में बिजनेस से जुड़ी गतिविधियों की पहचान करने के लिए इंटीग्रेट किया जा सकता है।
नए सिस्टम के साथ सभी पैन-संबंधित सेवाओं के लिए वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म को भी तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही PAN 2.0 साइबर सुरक्षा उपाय के साथ यूजर डेटा की सिक्योरिटी को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा। जो भी आग्रेनाइजेशन पैन डेटा का उपयोग करने के लिए उसको सुरक्षित रखती है उनके लिए सिक्योर स्टोरेज सिस्टम को अनिवार्य बनाएगा। इस मोडिफाइड सिस्टम को मोदी सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के साथ जोड़ा जा सकता है। इससे बिजनेस के साथ-साथ आम नागरिकों को भी सुविधा होगी।
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