950 करोड़ रुपये बचाने के लिए Paytm ने उठाया यह कदम, पेमेंट्स बैंक पर बैन के कारण बदलना पड़ा प्लान
Paytm Withdrawal Application From IRDAI : पेटीएम कंपनी का संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब कंपनी का बीमा कंपनी बनने का सपना टूट गया है। दरअसल, पेटीएम जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड (PGIL) ने इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) से अपने जनरल इंश्योरेंस लाइसेंस की एप्लीकेशन वापस ले ली है। अब कंपनी इंश्योरेंस प्रोडक्ट बनाने के बजाय सिर्फ डिस्ट्रीब्यूशन पर ही काम करेगी। बता दें कि वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड पेटीएम की पैरेंट कंपनी है। वहीं PGIL पेटीएम की सब्सिडियरी कंपनी है।
कंपनी को बचेंगे 950 करोड़ रुपये
वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने जनरल इंश्योरेंस में करीब 950 करोड़ रुपये निवेश करने का प्लान बनाया था। अब जब कंपनी ने यह एप्लीकेशन वापस ले ली है तो उसके 950 करोड़ रुपये बच गए। इस रकम को PGIL में निवेश किया जाएगा। दरअसल, वन 97 कम्युनिकेशंस ने पेटीएम जनरल इंश्योरेंस में करीब 950 करोड़ रुपये निवेश करने का प्लान बनाया था। कंपनी ने यह प्लान मई 2022 में 10 साल के लिए बनाया था। साथ ही वन 97 कम्युनिकेशंस के बोर्ड ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी करने का फैसला लिया था। बाकी की हिस्सेदारी कंपनी के फाउंडर विजय शेखर शर्मा की ओनरशिप वाली VSS होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड के पास है।
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डिस्ट्रिब्यूशन मॉडल पर रहेगा फोकस
PGIL का कहना है कि इस फैसले के बाद वह जनरल इंश्योरेंस के लिए केवल डिस्ट्रीब्यूशन मॉडल पर काम करती रहेगी। यानी PGIL पेटीएम कस्टमर्स, छोटे मरचेंट्स, छोटे व मध्यम बिजनेस को इंश्योरेंस डिस्ट्रीब्यूट करने पर ध्यान फोकस करेगी। कंपनी ने कहा कि इसका उद्देश्य हेल्थ, लाइफ, मोटर, शॉप और गैजेट्स सहित अन्य छोटे साइज वाले इंश्योरेंस की पेशकश करना है।
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इसलिए बदलना पड़ा फैसला
माना जा रहा है कि कंपनी काे इंश्योरेंस फील्ड से वापस लौटने का फैसला पेमेंट्स बैंक पर लगे बैन की वजह से लेना पड़ा। इस साल जनवरी में रिजर्व बैंक ने पेमेंट्स बैंक पर रिजर्व बैंक ने बैन लगाया था। फिलहाल कंपनी हेल्थ, लाइफ, मोटर, शॉप और गैजेट इंश्योरेंस डिस्ट्रीब्यूशन में अपनी हिस्सेदारी दोगुनी करने की तैयारी में है। वहीं दूसरी ओर कंपनी में घाटा भी इसका कारण हो सकता है। हाल ही में कंपनी ने अपनी चौथी तिमाही के रिजल्ट जारी किए थे। इनमें कंपनी को सालाना आधार पर करीब 550 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। यह घाटा पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के मुकाबले 228 फीसदी ज्यादा है। पिछले वित्त वर्ष में कंपनी को समान तिमाही में करीब 168 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। वहीं दूसरी ओर कंपनी के रेवेन्यू में भी गिरावट आई है। इस साल चौथी तिमाही में पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले रेवेन्यू में 3 फीसदी की गिरावट आई है।